नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें अभी जारी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 31 मई के बाद बढ़ाए जाने के बारे में सभी मुख्यमंत्रियों के विचारों से अवगत कराया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस बैठक के दौरान शाह ने मोदी को गुरुवार को मुख्यमंत्रियों के साथ टेलीफोन पर हुई अपनी बातचीत के दौरान मिले सुझावों और प्रतिक्रिया के बारे में अवगत कराया। देशव्यापी लॉकडाउन की पहली बार घोषणा मोदी ने 24 मार्च को 21 दिन के लिए कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक के उद्देश्य से की थी। इसे पहली बार 3 मई तक और उसके बाद फिर 17 मई तक बढ़ाया गया था। लॉकडाउन को बाद में 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया था।
शाह ने मुख्यमंत्रियों के साथ टेलीफोन पर बातचीत लॉकडाउन का चौथा चरण समाप्त होने के मात्र 3 दिन पहले की। अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत के दौरान शाह ने यह जानना चाहा कि राज्यों की क्या चिंताएं हैं और 1 जून से वे किन क्षेत्रों को खोलना चाहते हैं?
अभी तक प्रत्येक लॉकडाउन चरण के विस्तार से पहले मुख्यमंत्रियों के साथ मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाद करते रहे हैं और उनके विचार जानते रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ कि गृहमंत्री ने लॉकडाउन के एक और चरण की समाप्ति से पहले मुख्यमंत्रियों के साथ अलग-अलग बातचीत की।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की सभी वीडियो कॉन्फ्रेंस में शाह मौजूद रहे हैं। ऐसा समझा जाता है कि अधिकतर मुख्यमंत्री चाहते हैं कि लॉकडाउन कुछ रूप में जारी रहे लेकिन साथ ही उन्होंने आर्थिक गतिविधियां बहाल होने और सामान्य जनजीवन चरणबद्ध तरीके से पटरी पर लौटने का पक्ष लिया है।
उम्मीद है कि केंद्र सरकार लॉकडाउन को लेकर अपने निर्णय की घोषणा अगले 2 दिनों में करेगी। भारत में कोविड-19 के मामले शुक्रवार को बढ़कर 1,65,799 हो गए जिससे देश-दुनिया में कोरोना वायरस से 9वां सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोविड-19 से मृतक संख्या बढ़कर 4,706 हो गई है। सरकार ने लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ाने की घोषणा के साथ ही स्कूल, कालेज और मॉल खोलने पर रोक जारी रखने की बात कही थी। उसने साथ ही कहा है कि होटल, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मॉल, स्वीमिंग पूल, जिम सभी सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक कार्य और पूजा स्थल 31 मई तक बंद रहेंगे।
सरकार ने हालांकि ट्रेन और घरेलू उड़ानों के सीमित संचालन की अनुमति दे दी है। भारतीय रेलवे देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल राज्यों में पहुंचाने के लिए 1 मई से विशेष ट्रेनें चला रहा है। (भाषा)