Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

NRC पर बोले अमित शाह, राजीव गांधी का फैसला था असम एकॉर्ड, विपक्ष अवैध बांग्लादेशियों को बचाने में लगा...

हमें फॉलो करें NRC पर बोले अमित शाह, राजीव गांधी का फैसला था असम एकॉर्ड, विपक्ष अवैध बांग्लादेशियों को बचाने में लगा...
, मंगलवार, 31 जुलाई 2018 (13:11 IST)
असम में एनआरसी के मुद्दे पर राज्यसभा में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि असम एकॉर्ड आपके (कांग्रेस) प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने साइन किया, यह पूरी तरह एनआरसी पर ही लागू था। आप अपने प्रधानमंत्री का फैसला लागू नहीं कर पाए। 
 
अमित शाह ने विपक्षी पार्टियों पर पलटवार करते हुए कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि ये 40 हजार बांग्लादेशी किसके हैं, किसको बचा चा रहे हैं आप'?

उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि किसी में भी घुसपैठियों की पहचान करने की हिम्मत नहीं थी। दअरसल, वे लोग बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाना चाहते हैं। शाह ने कहा कि असम में अवैध घुसपैठियों की पहचान जरूरी थी। 
 
अमित शाह के इस बयान के सदन में विपक्षी सांसदों ने हंगामा और नारेबाज़ी शुरू कर दी। इसके पहले लोकसभा में आज रोहिंग्या शरणार्थियों का मामला उठा, जिस पर जवाब देते हुए गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं बल्कि अवैध तरीके से भारत आए हैं और उन्हें देश पर कभी बोझ नहीं बनने दिया जाएगा। 
 
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अरविंद सावंत, रामस्वरूप शर्मा और सुगत बोस के पूरक प्रश्नों के उत्तर में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल और असम राइफल्स को सजग किया गया है कि म्यांमार से लगी सीमा से रोहिंग्या भारत में प्रवेश नहीं कर सकें। 
 
उन्होंने कहा कि फरवरी, 2018 में राज्यों को जारी ताजा एडवायजरी में कहा गया कि वे अपने यहां मौजूद रोहिंग्या की गिनती करें और उनको एक निश्चित क्षेत्र में सीमित रखें तथा उनकी गतिविधि पर भी नजर रखी जाए।
 
सिंह ने कहा कि राज्य सरकारों से रोहिंग्या के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है और रिपोर्ट मिल जाने के बाद हम इसे विदेश मंत्रालय को देंगे। इसके बाद विदेश मंत्रालय रोहिंग्या को म्यांमार वापस भेजने के बारे में वहां की सरकार से बात करेगा। उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर राज्य भी अवैध प्रवासियों को उनके देश भेज सकते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भिंड के मालनपुर में खुलेगा मध्यप्रदेश का दूसरा सैनिक स्कूल