चंडीगढ़। जहरीली हवा से दिल्ली के ‘गैस चैंबर’ में बदलने के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पीएम मोदी को खत लिखकर अपने राज्य में पराली जलाने से किसानों को नहीं रोक पाने के लिए कुछ हद तक जिम्मेदारी ली और केंद्र से किसानों को अलग से बोनस प्रदान करने का अनुरोध किया।
इस बीच, सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में अपना क्षोभ प्रकट करते हुए किसान समर्थक प्रस्ताव दिए हैं। उन्होंने पत्र में कहा कि कोई भी भारतीय और निश्चित रूप से पंजाब में कोई भी व्यक्ति, राष्ट्रीय राजधानी में हमारे भाइयों के दुख से बेखबर नहीं है। उन्होंने दुख जताया कि दिल्लीवासी गंभीर वायु प्रदूषण में सांस ले रहे हैं।
उन्होंने सवाल किया कि कैसे एक देश को विकसित कहा जा सकता है, अगर उसकी राजधानी गैस चैंबर बन गई है वो भी प्राकृतिक आपदा से नहीं, बल्कि मानव निर्मित कारणों से।
दिल्ली के लोगों को हो रही दिक्कतों से खुद को जोड़ते हुए सिंह ने कहा कि मेरे बच्चे और नाती-पोते भी दिल्ली में रह रहे हैं और वे भी दिल्ली के प्रदूषण के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं। मौजूदा स्थिति ने प्रगतिशील और विकसित राष्ट्र होने के हमारे दावों की पोल खोल दी है ।
उन्होंने कहा कि पंजाब ने पराली जलाने के खिलाफ कानून लागू करने का हरसंभव प्रयास किया और किसानों पर जुर्माना भी लगाया। जबकि, यह एक समुदाय को दंडित करने की मेरी सोच के विपरीत था, जिन्हें राष्ट्र की तरफ से हमेशा नुकसान हुआ और नुकसान हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कई अवसरों पर प्रधानमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों को पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को प्रति क्विंटल 100 रुपए अलग से बोनस देने का सुझाव दिया था। केंद्र ने किसानों को पराली के प्रबंधन के लिए अलग बोनस देने के लिए उनके लगातार प्रस्तावों को नजरअंदाज किया।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी में बढते वायु प्रदूषण के लिए लगातार पड़ोसी राज्यों-हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।