चंडीगढ़। अलगावादी अमृतपाल सिंह और उसके संगठन के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बीच वह बुधवार को एक वीडियो में दिखाई दिया, जिसमें वह सिख समुदाय से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैसाखी पर 'सरबत खालसा' के आयोजन का आह्वान करता सुनाई दे रहा है। वीडियो में अमृतपाल ने पंजाब पुलिस को चेतावनी देते हुए गिरफ्तारी के लिए 3 शर्तें रखी है।
भगोड़े अमृतपाल को उक्त वीडियो में यह कहते हुए सुना गया कि यदि पंजाब सरकार केवल उसे गिरफ्तार करना चाहती तो वे उसके घर आते और वह आत्मसमर्पण कर देता। उसने दावा किया कि उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई सिख समुदाय पर एक हमला है। वीडियो पर कोई तारीख नहीं है और इसमें वह पंजाबी में कहते हुए सुना गया, जहां तक मेरी गिरफ्तारी का सवाल है, यह ईश्वर के हाथ में है। उसने कहा कि मैं पूरे जोश में हूं। मुझे कोई क्षति नहीं पहुंचा सकता। बताया जा रहा है कि यह वीडियो यूपी में शूट हुआ है और कनाडा, दुबई और UK से जारी किया गया है।
यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह को पकड़ने की कोशिश में दिखाई दे रही है। कुछ खबरों में यह भी दावा किया गया है कि वह आत्मसमर्पण कर सकता है क्योंकि अमृतसर और बठिंडा के तलवंडीसाबो क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
नवीनतम वीडियो में, अमृतपाल सिंह अकाल तख्त के जत्थेदार से आग्रह करते हुए दिख रहा है कि वे सिख समुदाय से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 'सरबत खालसा' आहूत करें। अमृतपाल ने समुदाय के सदस्यों से बड़ी संख्या में इसमें हिस्सा लेने को कहा। उसने अपनी अपील में कहा कि अगर हमें नौजवानों और पंजाब को बचाना है तो हमें सरबत खालसा का हिस्सा बनना चाहिए। हम जानते हैं कि हम किस रास्ते पर चल रहे हैं, हमें इन सबका सामना करना होगा। इसके खिलाफ आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है।
अमृतपाल और उसके सहयोगियों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई की मांग को लेकर अमृतसर के निकट अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था। इस घटना के करीब तीन सप्ताह बाद 18 मार्च को पुलिस ने उसके और उसके खालिस्तान समर्थक वारिस पंजाब दे संगठन के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। अमृतपाल उसके बाद से फरार है। वह 18 मार्च को जालंधर जिले से भाग निकला था। सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें वह अकेले और अपने सहयोगियों के साथ अलग-अलग इलाकों में दिखा है।
वीडियो में काली पगड़ी और शॉल पहने अमृतपाल ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई शुरू होने के बाद वह पहली बार सिख समुदाय के सामने पेश हो रहा है क्योंकि वह उस दिन जो कुछ भी हुआ उसके बारे में उनसे बात करना चाहता था। उसने कहा कि अगर सरकार की मंशा केवल मुझे गिरफ्तार करने की होती तो वे मेरे घर आकर मुझे गिरफ्तार कर सकते थे, मैं हार मान लेता। लेकिन जिस तरह से सरकार ने लाखों पुलिसकर्मियों को तैनात करने और घेरा डालने का तरीका अपनाया, ईश्वर ने हमें उससे बाहर निकाला।
उसने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया कि उसने उसके खालसा वहीर को पहले अनुमति नहीं दी। उसने कहा कि जब राज्य सरकार द्वारा मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किया गया था, तो राज्य में जो हो रहा था, उससे उसका संपर्क टूट गया। मैंने कुछ खबरें देखी हैं जो दिखाती हैं कि पंजाब में क्या हो रहा है।