पंजाब के अमृतसर में दशहरे की खुशियां उस समय मातम में बदल गईं, जब रावण दहन देख रहे लोग ट्रेन की चपेट में आ गए। हादसे के वक्त नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर मंच से भाषण दे रही थीं, लेकिन जैसे ही भीषण घटना घटी, वे राहत कार्य की बजाय अपनी कार में बैठकर वहां से निकल गईं। इसको लेकर लोगों में भारी रोष है।
रावण दहन और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल पटरियों की ओर बढ़ने लगे जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। इसी दौरान ट्रेक पर धड़ाधड़ गुजरी ट्रेनों की चपेट में लोग आ गए। खबरों के मुताबिक, इस हादसे में करीब 61 लोगों की मौत हो गई और 72 लोग घायल हो गए।
इस रावण दहन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर थीं। हादसे के दौरान मौजूद लोगों ने बताया कि हादसे के वक्त नवजोत कौर मंच से भाषण दे रही थीं, लेकिन जैसे ही भीषण घटना घटी, वे राहत कार्य की बजाय अपनी कार में बैठकर वहां से निकल गईं।
अस्पताल में भर्ती घायलों ने यह भी बताया कि नवजोत कौर इस कार्यक्रम में काफी देर से आईं। यहां कार्यक्रम शाम 6-7 बजे के बीच में हो जाता है, लेकिन नवजोत कौर 7 बजे आईं और इसके बाद रावण दहन हुआ और ट्रेनें आ गईं और ट्रेक पर खड़े लोग इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे।
बताया जाता है कि 12 कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद वे वहां आईं थीं। उधर देर रात नवजोत कौर घायलों को देखने के लिए अस्पताल पहुंचीं और सफाई दी कि वे कार्यक्रम खत्म होने के बाद वहां से गईं। उन्होंने इस भीषण हादसे के लिए रेलवे को जिम्मेदार बताया। रेलवे ने कहा कि आयोजकों ने रेलवे से कार्यक्रम की कोई इजाजत नहीं ली थी।