नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने राज्य की 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी है और आंतरिक मूल्यांकन के बाद 31 जुलाई को परिणाम की घोषणा की जाएगी।
आंध्र प्रदेश की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ को बताया कि उन्होंने गुरुवार को मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी से मामले पर चर्चा की और राज्य सरकार ने परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है।
शीर्ष अदालत ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश सरकार से कहा था कि वह 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए राज्य द्वारा सुझाए गए एहतियाती उपायों से सहमत नहीं है और कहा था कि जब तक वह संतुष्ट न होगी कि कोविड-19 के कारण कोई मृत्यु नहीं होगी, वह उन्हें अनुमति नहीं देगी।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, उन्होंने (दवे) हालात की फिर से समीक्षा के बाद अदालत को सूचित किया है कि राज्य सरकार को अब संबंधित राज्य बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली बारहवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने की सलाह दी गई है। हम उस बयान को रिकॉर्ड में रखते हैं।
पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य सरकार को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शुक्रवार को सुनवाई होने पर दवे ने पीठ से कहा, मामले पर विचार करते हुए और जिस तरह हालात में सुधार हुआ है, उसके अनुरूप हमने परीक्षाओं के लिए पूरी तैयारियां कर ली थी लेकिन अदालत की भावना पर गौर करते हुए मैंने मुख्यमंत्री से कल चर्चा की और उन्हें सलाह दी।
उन्होंने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। दवे ने कहा कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की जाएगी, जो 10 दिन में मूल्यांकन कार्यक्रम निर्धारित करेगी। उन्होंने कहा, हम 31 जुलाई की समय सीमा का पालन करेंगे और नतीजे घोषित करेंगे। साथ ही कहा कि अगर परीक्षाएं आयोजित होती तो अगस्त में नतीजे घोषित कर दिए जाते। दवे ने कहा कि पूरा देश एक दिशा में जा रहा है तो आंध्र प्रदेश राज्य भी उसी मार्ग का अनुसरण करेगा।
दवे ने कहा कि पीठ का निर्णय सही है और अगर कुछ अप्रत्याशित घटनाक्रम होता है तो इससे हमारा दिल दुखेगा।पीठ ने कहा, हम राज्य द्वारा उठाए गए व्यावहारिक रुख की सराहना करते हैं। हमें लगता है कि आप पहले ही इस बारे में बता सकते थे।
दवे ने चुनावी रैलियों और उत्तराखंड में कुंभ मेला का हवाला देते हुए कहा कि किसी ने भी जिम्मेदारी नहीं ली और आम लोगों को कोविड-19 महामारी के दौरान इसका परिणाम भुगतना पड़ा। पीठ को बताया गया कि राज्य बोर्ड परीक्षा को रद्द करने के संबंध में जल्द ही एक अधिसूचना जारी की जाएगी।
पीठ ने कहा, अंत भला तो सब भला के साथ हम इस कार्यवाही को बंद कर रहे हैं। साथ ही जोड़ा कि राज्य ने जो फैसला किया है, वह सबके लिए फायदेमंद है। शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने गुरुवार को अपने निर्देश में दोहराया था कि सभी राज्य बोर्ड 31 जुलाई तक कक्षा 12वीं के आंतरिक मूल्यांकन के नतीजे घोषित कर देंगे।(भाषा)