नई दिल्ली। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक की सार्वजनिक नीति मामलों की प्रमुख अंखी दास ने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे सोशल मीडिया मंच पर नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों को लेकर पाबंदी लगाने के मामले में कथित पक्षपात करने को लेकर चर्चा में थीं। आंखी दास का यह इस्तीफा ऐसे समय आया है जब कुछ ही दिन पहले फेसबुक पर अपने सबसे बड़े बाजार भारत में राजनीतिक सामग्री को लेकर सवाल उठे थे।
संसदीय समिति के सामने पेश हुई थीं : आंखी दास हाल ही में डाटा सुरक्षा विधेयक 2019 को लेकर बनाई गई संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश हुई थीं। संसदीय समिति की अध्यक्षता मिनाक्षी लेखी कर रही हैं। भारत के साथ दक्षिण और मध्य एशिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर थीं।
राहुल गांधी ने लगाया था राजनीतिक झुकाव का आरोप : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर ट्वीट कर आरोप लगाया था कि फेसबुक राजनीतिक झुकाव के चलते हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। इस विवाद में आंखी दास का नाम भी आया था।
कांग्रेस के कई नेताओं ने आंखी दास का नाम लेकर फेसबुक पर पक्षपात के आरोप लगाए थे। रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी।
फेसबुक के भारत में प्रबंध निदेशक अजीत मोहन ने ई-मेल के जरिए बयान में कहा कि अंखी दास ने फेसबुक में अपने पद से हटने का निर्णय किया है। उन्होंने जनसेवा में अपनी रुचि के अनुसार काम करने के लिए यह कदम उठाया है। अंखी हमारे उन पुराने कर्मचारियों में शामिल हैं, जिन्होंने कंपनी को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई...। (इनपुट भाषा)