नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर कथित बदसलूकी और धक्का-मुक्की के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपी विधायकों और अन्य की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
सोमवार की मध्य रात्रि केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में हुई इस घटना के संबंध में मुख्य सचिव की मेडिकल जांच में चोटों के निशान की पुष्टि हुई है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्य सचिव की मेडिकल रिपोर्ट में अंशु प्रकाश के शरीर पर घाव के अलावा कटने के निशान और चेहरे के पास सूजन भी है।
इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है और राजनीतिक दलों के बीच एक-दूसरे पर हमला करने का कोई मौका नहीं चूका जा रहा है। इस मामले के मुख्य आरोपी ओखला विधायक अमानुल्ला खान ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
पुलिस ने मुख्य सचिव की शिकायत पर विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है। इससे पहले एक अन्य विधायक प्रकाश जारवाल को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री के सलाहकार वीके जैन से भी पुलिस ने पूछताछ की है।
उधर इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया था। आप इस मामले को लेकर हमलावर है और उसने केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
आप के प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि मुख्य सचिव भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम कर रहे हैं और मारपीट का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के मंत्री के साथ मारपीट के साक्ष्य मौजूद हैं। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
आप नेता आशुतोष के साथ संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने आप विधायकों के साथ पुराने मामलों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के कहने पर बिना किसी साक्ष्य के सब कुछ मान लिया जाता है। मुख्य सचिव के साथ मारपीट को सिरे से खारिज करते हुए सिंह ने कहा कि बैठक राशन नहीं मिलने को लेकर हुई थी। बातचीत के दौरान कहासुनी हुई, लेकिन मारपीट की बात बिलकुल गलत है। (वार्ता)