Arjun Ram Meghwal's statement on communication skills : विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने मंत्रालय में मजबूत संचार कौशल की आवश्यकता पर बुधवार को जोर दिया। उन्होंने अपने वक्तव्य को और अधिक स्पष्ट करने के लिए महिला आरक्षण विधेयक के मसौदे में उन गलतियों का हवाला भी दिया, जिन्हें दूर करने के लिए अधिकारियों को देर रात तक बैठना पड़ा था।
मेघवाल ने कहा कि संचार कौशल विधायी विभाग में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, जो मंत्रालयों को विधेयक, अध्यादेश और प्रमुख नीतिगत दस्तावेजों का मसौदा तैयार करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि अल्पविराम और पूर्ण विराम के प्रयोग में छोटी-छोटी गलतियां समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
उन्होंने विधायी विभाग के अधिकारियों से कहा, हमने नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण विधेयक) में यह देखा। बहुत सारी गलतियां थीं। हमें अधिकारियों को देर रात तक बैठाना पड़ा...शायद तड़के दो बजे तक...यह नहीं कि क्या कहा गया, (बल्कि) आप इस तरह के निष्कर्ष पर कैसे पहुंचे (ऐसी समस्याओं की ओर इशारा किया गया)...आपको संचार को और अधिक समझना और सीखना होगा।
मेघवाल एक विशेषज्ञ द्वारा एक प्रेरक संबोधन के बाद अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कुछ सुझावों पर प्रतिक्रिया देते वक्त सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में उपस्थिति के लिए पंचिंग मशीन लगाने का बचाव किया और कहा कि कुछ लोग समय पर कार्यालय नहीं आते हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले जब राज्यसभा में एक दिन सत्ता पक्ष के सदस्यों की उपस्थिति कम थी, तो भारतीय जनता पार्टी के सचेतक ने सांसदों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए उपस्थिति पंजी बनाने का सुझाव दिया था। मंत्री ने यह भी कहा कि तनाव से कार्यस्थल पर दबाव पैदा होता है और उत्पादकता कम होती है। उन्होंने कहा कि खुशहाल जीवन सुनिश्चित करने के लिए तनाव और दु:ख को साझा करने की जरूरत है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour