नई दिल्ली। थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief of defense staff) के रूप में नियुक्ति की गई है। जनरल बिपिन रावत 1 जनवरी 2020 को त्रिसेवा गार्ड ऑफ ऑनर के बाद पदभार ग्रहण करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यालय दक्षिण ब्लॉक में होगा। जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस होंगे। बिपिन सिंह रावत रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाओं के बीच समन्वयक की भूमिका निभाएंगे। जनरल बिपिन सिंह रावत का ओहदा 4 स्टार जनरल का होगा।
1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मानेक शॉ को देश का पहला सीडीएस नियुक्त करना चाहती थीं, लेकिन बताया जाता है कि तब तत्कालीन वायुसेना-नौसेना प्रमुखों के बीच मतभेद सामने आए थे। वायुसेना और नौसेना का तर्क का था कि इससे उनका कद घट जाएगा। इस कारण देश का पहला सीडीएस नहीं मिल सका। इंदिरा गांधी के शासनकाल में थलसेना में केएम करियप्पा और सैम मानेकशॉ को फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी।
पीएम ने की थी घोषणा : 15 अगस्त को ही लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीडीएस का ऐलान किया था। सीडीएस के लिए अधिकतम आयु सीमा 65 साल है। हालांकि अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि बिपिन सिंह रावत का यह कार्यकाल कितने समय के लिए है?
जनरल मुकुंद नरवाने नए थलसेना प्रमुख : अब बिपिन सिंह रावत की जगह ऑर्मी चीफ का पद मनोज मुकुंद नरवाने 31 दिसंबर से संभालेंगे। नए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने को सेना की कमान संभालने के लिए उसी दिन सेना का गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।