पुणे, नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने गुरुवार को पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में आरोग्य कारवां और बाल मित्र मंडल का उद्घाटन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में बच्चे, नागरिक संगठन और सरकार के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
आरोग्य कारवां का उद्देश्य है कि वह पुणे के स्लम एरिया में रहने वाली महिलाओं एवं लड़कियों को सरकार द्वारा उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों के प्रति जागरूक करे, ताकि उनका विकास हो सके। आरोग्य कारवां को यू फाउंडेशन का सहयोग मिल रहा है।
बाल मित्र मंडल(बीएमएम), समाज के वंचित बच्चों व उनके परिवारों या समुदाय को इस बारे में समर्थ बनाने का काम करता है कि वे एकजुट होकर अपने अधिकार की बात करें। साथ ही बाल मजदूरी व बाल यौन शोषण से उनका बचाव करे।
बीएमएम यह भी सुनिश्चित करता है कि इन बच्चों को उचित शिक्षा, साफ पीने का पानी व स्वस्थ्य जीवनशैली देने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाई जाए। बीएमएम बच्चों को चाइल्ड लीडर्स के रूप में भी तैयार करता है ताकि वे खुद आगे आकर अपनी तरह के समाज के वंचित बच्चों के लिए आवाज उठा सकें। इस पूरे कार्यक्रम को ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्स 24x7 की ओर से सहयोग दिया जा रहा है।
इस खास मौके पर वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट कमिश्नर राहुल रंजन माहिवाल, पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता, म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रम कुमार और बजाज ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। आरोग्य कारवां एक अभिनव प्रयोग है जिसका लक्ष्य है कि महिलाओं और लड़कियों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता का प्रसार किया जाए। साथ ही उन्हें सरकार द्वारा उनके लिए चलाई जा रहीं विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों की जानकारी दी जाए, जिससे वे उनका लाभ उठा सकें।
इस पूरे जागरूकता कार्यक्रम के तहत कठपुतली नृत्य प्रस्तुति, गीत, नृत्य, नुक्कड़ नाटक और सामुदायिक सभाएं आयोजित की जाएंगी। इन सबके जरिए एक लाख महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रहने व उनसे संबंधित योजनाओं के प्रति जागरूक किया जाएगा। आरोग्य कारवां लक्ष्मी नगर, यशवंत नर, अंबेडकर बस्ती, यमुना नगर, जाधव नगर और जय पकाश नगर में जाएगा।
बाल मित्र मंडल कैलाश सत्यार्थी का एक अभिनव प्रयोग है जो कि स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों के अधिकारों व विकास के लिए काम करता आया है। यह संगठन अभी तक राजधानी के स्लम एरिया में रहने वाले पचास हजार से अधिक लोगों के जीवन में बदलाव ला चुका है। पुणे में इस कार्यक्रम की शुरुआत का मकसद है कि शहर को चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाए। बच्चों को बाल मजदूरी व किसी भी तरह के बाल शोषण से मुक्त रखा जाए।
इस मौके पर ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्स 24x7 के प्रवक्ता ने कहा, हम चाइल्ड वेलफेयर में विश्वास रखते हैं और हमारा मानना है कि हर बच्चे को सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हक मिलना चाहिए। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के साथ जुड़कर हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि हम एक अच्छे मकसद के लिए काम कर रहे हैं।
करीब 12 संगठन आरोग्य कारवां से जुड़े हैं जो कि सुरक्षित जननी, सुरक्षित भारत का संदेश पूरे राज्य में फैलाएंगे। इस मौके पर बाल मित्र मंडल के साथ जुड़े एंजल नाम के बच्चे, जो कि अब चाइल्ड लीडर भी है, ने कहा, हमारा परिवार कई बीमारियों एवं आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा था। मां को मानसिक बीमारी थी, तो पिता को किडनी की, कमाई के नाम पर भी थोड़ा बहुत ही था, इसके बाद भी मैंने किसी तरह पढ़ाई जारी रखी। आज बाल मित्र मंडल के चाइल्ड लेबर के रूप में मैं यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता हूं कि मेरे समुदाय का हर बच्चा स्कूल जाए और किसी की भी शिक्षा में बाधा न आए।
वहीं, बाल आश्रम ट्रस्ट की सहसंस्थपिका सुमेधा कैलाश ने कहा, हम अपने समाज को और पूरी दुनिया को बच्चों के अनुकूल बनाना चाहते हैं, एक ऐसी दुनिया जिसमें बाल मजदूरी न हो, बाल शोषण न हो और आज हमें लगता है कि हमने अपनी मंजिल की ओर एक लंबा सफर तय कर लिया है। उन्होंने कहा, हमारे विचार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बाल मित्र ग्राम के रूप में जन्म लिया और आज यही देश के शहरों में फैलता जा रहा है। हमें उम्मीद है कि एकजुट प्रयास से हम अपने लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
पुणे के अत्याधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों भीम नगर, इंदिरानगर बर्मासेल, राजीव गांधी और मेंटल कॉर्नर स्लम में बाल मित्र मंडल स्थापित किया जाएगा।