नई दिल्ली। केंद्र ने मंगलवार को कहा कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसियां (गुप्त लेनदेन में इस्तेमाल होने वाली मुद्राएं) भारत में वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) नहीं हैं और इनके विनिमयन की मांग पर सरकार की ओर से गठित एक विशेषज्ञ समिति जांच कर रही है। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान वित्तमंत्री अरुण जेटली ने द्रमुक सदस्य कनिमोझी के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव की अध्यक्षता में बनी विशेषज्ञ समिति विशिष्ट कार्रवाइयों को सुझाने के लिए क्रिप्टो करेंसियों से संबंधित सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रही है।
वित्तमंत्री ने सदन को बताया कि 2013 से 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सरकार का रुख बहुत साफ रहा है कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसियां भारत में वैध मुद्रा नहीं हैं। कनिमोझी ने सवाल पूछा था कि क्या सरकार बिटकॉइन और एथिरियम जैसी क्रिप्टो करेंसियों को विनियमित करने के संबंध में विचार कर रही है, क्योंकि भारत में 11 प्रतिशत से अधिक व्यापार वैश्विक क्रिप्टो करेंसी में होता है ।
वित्तमंत्री ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी का एक पहलू यह है कि उनमें सरकार पर निर्भरता का अभाव है। यह गोपनीय तरीके से काम करती है। यह आभासी समुदाय की ओर से सृजित की जाती है और उन्हीं के बीच आपसी विश्वास के आधार पर इस्तेमाल होती है। यह ब्लॉग, व्हाट्सऐप ग्रुप जैसी चीजों के जरिए ऑनलाइन संचालित हो रहा है। उन्होंने बताया कि दुनिया में कई क्रिप्टो करेंसियां हैं। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में करीब 785 आभासी मुद्राएं चल रही हैं। भारत में ऐसे 11 लेनदेन की पहचान की गई है।
वित्तमंत्री ने कहा कि 2016 में गठित एक अंतर-विभागीय समिति ने मामले पर गौर किया और उसने तय किया कि कुछ सावधानियां बरतनी होंगी। ऐसी गतिविधियों में शामिल होने वाले लोगों को चेतावनी देनी होगी कि यह कानूनी नहीं है। इन पर काम किया जा रहा है। निर्दलीय राजीव चंद्रशेखर ने क्रिप्टो करेंसियों से ही जुड़ा सवाल किया कि क्या सरकार विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट आने तक बैंकों एवं क्रेडिट कार्ड एजेंसियों को निर्देश देगी कि वे क्रिप्टो करेंसियों में होने वाले लेनदेन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाएं।
इसके जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि बाद में यह तय किया जा सके कि इस बाबत कौन-कौन से कदम उठाने हैं। दुनिया में क्रिप्टो करेंसियों की संख्या बहुत ज्यादा होने के कारण तत्काल कोई कार्रवाई करने की बजाय हमें रिपोर्ट आने का इंतजार करना चाहिए। (भाषा)