नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने राफेल सौदे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों को जानकारी का अभाव और उनकी नासमझी करार देते हुए कहा है कि उनके अहम को तुष्ट करने का सरकार के पास कोई उपाय नहीं है।
जेटली ने कहा कि यह कांग्रेस की विडंबना है कि उसके मुखिया को यदि किसी चीज की जानकारी नहीं है तो पूरी पार्टी बिना जानकारी के एक ही लाइन पर चल पड़ती है। उन्होंने कहा कि जिस सज्जन को मामले की जानकारी ही नहीं है उसके अहम को तुष्ट करने का कोई उपाय नहीं हो सकता।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस सौदे की सबसे बड़ी खासयित यह है कि इसमें सभी 36 विमान फ्रांस से बने बनाए आएंगे और इनका एक भी पेंच या पुर्जा भारत में नहीं लगाया जाएगा। इसमें निजी या सार्वजनिक क्षेत्र किसी की भी कोई भागीदारी नहीं है। यह दो सरकारों के बीच का सौदा है इसलिए इसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह पिछड़ी सोच रही है कि रक्षा उपकरणों और हथियारों की खरीद विदेश से ही करनी है और देश में कुछ नहीं बनाना है। हम कांग्रेस की इस सोच से मतभेद रखते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि भाजपा नीत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत की थी। यह एक प्रयोग था और बाद में इसे 49 फीसदी किया गया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के चलते अब दुनिया की बड़ी कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर रही हैं जिससे देश में रक्षा उत्पादन की संभावना बढ़ी है। अब रक्षा क्षेत्र की महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी भी भारतीय कंपनियों को मिलेगी। इससे बाद में देश के निजी क्षेत्र को भी फायदा मिलेगा। (वार्ता)