Congress made this allegation against Assam CM's wife : कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की पत्नी के स्वामित्व वाली कंपनी को केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत 10 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिली, जबकि संबंधित कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक यह मीडिया क्षेत्र में काम करती है।
मुख्य विपक्षी दल ने कुछ कागजात जारी करते हुए यह दावा भी किया कि वर्ष 2021 में शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी पत्नी रिंकी भुइंया शर्मा की कंपनी ने असम के नौगांव में 50 बीघा कृषि भूमि खरीदी और इस खरीद के कुछ दिनों के बाद ही इस भूखंड को औद्योगिकी भूमि में तब्दील कर दिया गया। मुख्यमंत्री शर्मा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उनकी पत्नी जिस कंपनी से जुड़ी हुई हैं उसे भारत सरकार से कोई सब्सिडी नहीं मिली है।
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता और असम से ताल्लुक रखने वाले सांसद गौरव गोगोई ने एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाया, भारत के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने किसान संपदा योजना की शुरुआत की। लेकिन असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके अपनी पत्नी की कंपनी को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के हिस्से के रूप में 10 करोड़ रुपए दिलाने में मदद की।
उन्होंने सवाल किया, क्या केंद्र सरकार की योजनाएं भाजपा को समृद्ध करने के लिए हैं? पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया कि कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, यह मीडिया क्षेत्र में काम करती है, लेकिन इसे किसान संपदा योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा अनुदान दिया गया।
उन्होंने कहा, 'प्राइम ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खुद को पूर्वोत्तर की मीडिया कंपनी बताती है। लेकिन जब असम के मुख्यमंत्री अपने पद की शपथ लेते हैं, उसके कुछ ही महीने बाद यह कंपनी 50 बीघा कृषि भूमि खरीदती है। महज कुछ दिनों बाद यही कृषि भूमि औद्योगिक भूमि में बदल जाती है।
वल्लभ ने आरोप लगाया, यह कंपनी भारत सरकार की 'प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना' के तहत आवेदन करती है कि वह खाद्य प्रसंस्करण का काम करेगी। इसके लिए उसे 10 करोड़ रुपए का अनुदान भी दे दिया गया। उन्होंने कहा, मुझे यह समझ नहीं आया कि कैसे मीडिया चैनल वाले भी अचानक से खाद्य प्रसंस्करण के लिए अनुदान ले सकते हैं? इस पूरी प्रक्रिया की जो गति थी, अगर उसी गति से हमारे यहां काम होने लगे तो कारोबारी सुगमता में हमारे स्तर पर कोई नहीं आ सकता।
कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल करने के साथ ही कटाक्ष किया, असम के मुख्यमंत्री की पत्नी द्वारा संचालित कंपनी को किसानों के हक का 10 करोड़ रुपया अनुदान दिया जाता है। क्या किसानों का पैसा दोगुना करने का यही मॉडल है? हमारे देश का किसान खेती से औसतन रोजाना 27 रुपए कमा रहा है, वहीं दूसरी तरफ किसान संपदा योजना के तहत 10 करोड़ का अनुदान दे दिया जाता है। ऐसी सुविधा देश के बाकी लोगों को कब मिलेगी? क्या ये 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा' का मॉडल है? वल्लभ ने कहा कि क्या ऐसे मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार है?
शर्मा ने आरोपों से इनकार करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि न तो मेरी पत्नी और न ही जिस कंपनी से वह जुड़ी हैं, उसे भारत सरकार से कभी कोई वित्तीय सब्सिडी मिली है। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, मैं इस बात से पूरी तरह इनकार करता हूं और दोहराता हूं कि मेरी पत्नी जिस कंपनी प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ी हैं, उसे भारत सरकार से कोई सब्सिडी नहीं मिली है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)