असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) ने राज्य पुलिस को राज्यसभा सांसद के वनलालवेना के खिलाफ दर्ज एफआईआर (FIR) वापस लेने के निर्देश दिए। वनलालवेना ने असम-मिजोरम सीमा पर बीते सोमवार को हुई हिंसा के बाद धमकी भरा बयान दिया था। इसके चलते असम पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। हालांकि हिमंत ने कहा अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाया जाएगा। मीडिया खबरों के मुताबिक सीमा विवाद के करीब एक हफ्ते बाद असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों ने एक-दूसरे से फोन पर बात की।
शांति के लिए गिरफ्तार होने को तैयार : असम और मिजोरम के पुलिस बलों के बीच हिंसक झड़प में 7 लोगों की मौत और कई अन्य के घायल होने के 6 दिन बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को कहा कि अगर मिजोरम पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी दोनों राज्यों के बीच शांति स्थापित करने में मददगार साबित होती है तो वे इसके लिए तैयार हैं। सरमा ने वार्ता के जरिए एक समाधान निकालने का समर्थन किया। सरमा ने संवाददाताओं से कहा कि मिजोरम पुलिस के किसी समन से बचने के लिए वह जमानत नहीं मांगेंगे।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मुझे समन मिलता है तो मैं सिलचर से वैरंगते (वो शहर जहां से असम के अधिकारियों के खिलाफ समन जारी हुआ) की पदयात्रा करूंगा और जांच में शामिल होऊंगा। अगर वे (मिजोरम पुलिस) मुझे गिरफ्तार करते हैं और इससे शांति स्थापित होने में मदद मिलती है तो इसके लिए तैयार हूं। मैं गुवाहाटी उच्च न्यायालय से जमानत का अनुरोध नहीं करूंगा।'
मिजोरम पुलिस ने झड़प को लेकर असम के 6 अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न आरोपों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है। सरमा ने हालांकि कहा कि वह अधिकारियों की रक्षा करेंगे और असम में हुई एक घटना के लिए मिजोरम पुलिस द्वारा उनकी जांच करने की अनुमति नहीं देंगे।
गृह मंत्री से बात : असम पुलिस ने भी मिजोरम से राज्यसभा सदस्य के. वनललवेना और राज्य के छह अन्य अधिकारियों को सम्मन जारी किया था और उनसे सोमवार को ढोलाई पुलिस थाने में उपस्थित होने को कहा था। इन अधिकारियों में एक उपायुक्त और कोलासिब जिले के पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं।
इससे पहले दिन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के बीच तनाव को कम करने के लिए असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के साथ टेलीफोन पर बात की। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ रविवार को बातचीत के बाद मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा कि फोन कॉल के दौरान फैसला किया गया कि सीमा विवाद का सौहार्दपूर्ण तरीके से सार्थक संवाद के जरिये समाधान किया जाए। उन्होंने ट्वीट किया कि फोन पर केंद्रीय गृहमंत्री और असम के मुख्यमंत्री से हुई बात के मुताबिक, हम मिजोरम-असम सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण माहौल में सार्थक वार्ता के जरिए सुलझाने पर सहमत हुए हैं।
जोरामथंगा ने मिजोरम के लोगों से भी भड़काऊ संदेश पोस्ट करने और सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने से बचने की अपील की ताकि मौजूदा तनाव को कम किया जा सके। हालांकि, मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री आर ललथंगलियाना ने इसके तुरंत बाद दावा किया कि असम से राज्य में कोविड-19 जांच किट सहित अन्य चिकित्सकीय आपूर्ति को प्रवेश करने से अवरुद्ध किया जा रहा है। इस दावे का असम के अधिकारियों ने जोरदार खंडन किया और कहा कि कोई नाकेबंदी नहीं लगाई गई है। (इनपुट भाषा)