पूर्व प्रधानमंत्री, वक्तृत्व कौशल के धनी, लोकप्रिय राजनेता, साहित्यकार और पत्रकार अटलबिहारी वाजपेयी का विश्व के पहले हिन्दी पोर्टल वेबदुनिया से भी गहरा जुड़ाव रहा। जब वेबदुनिया ने संविधान डॉट कॉम बनाई, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलजी ने 2001 में इसका लोकार्पण किया था।
प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में उस समय अटलजी ने हिन्दी की सेवा के लिए खुले दिल से वेबदुनिया और उसकी टीम की सराहना की थी। उन्होंने इस बात को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की थी कि वेबदुनिया विश्व का ऐसा पहला इंटरनेट पोर्टल है, जो हिन्दी भाषा में प्रसारित हो रहा है। उस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व. कुशाभाऊ ठाकरे और तत्कालीन संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रमोद महाजन भी मौजूद थे।
इस अवसर पर वेबदुनिया के संस्थापक और सीईओ विनय छजलानी ने अटलजी को वेबदुनिया की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि वेबदुनिया किस तरह पूरी दुनिया में हिन्दी का ध्वजवाहक बना हुआ है। इस मौके पर वेबदुनिया के तत्कालीन सीओओ किशोर भुराड़िया, सर्च एडिटर अशोक चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक, सुरेश बाफना, वर्तमान वाइस प्रेसिडेंट अमित गोयल भी मौजूद थे।
अटलजी की सहजता और सरलता का जोड़ नहीं : उस अवसर का स्मरण करते हुए वेबदुनिया के तत्कालीन सीओओ किशोर भुराड़िया ने बताया कि जब अटलजी को संविधान डॉट कॉम के लोकर्पण के लिए माउस दिया तो उन्होंने बड़ी ही सहजता से कहा माउस पर क्या हाथ रखवा रहे हो अपने सिर पर हाथ रखवाइए। ...और उन्होंने घर के एक बुजुर्ग की तरह विनयजी के सिर पर हाथ रख दिया। वह अटलजी का बड़प्पन ही था कि वहां मौजूद सभी लोग वाजपेयीजी से सहजता से बात कर पा रहे थे।
गौरतलब है कि कवि हृदय अटलजी की गिनती शीर्ष हिन्दी प्रेमियों में होती है। वे भारत के ऐसे पहले नेता थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में अपना भाषण दिया था। अटलजी का 16 अगस्त को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया।