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पैसे निकालने के लिए लाइन में लगे दो बुर्जुगों की मौत

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, शुक्रवार, 11 नवंबर 2016 (18:46 IST)
मुंबई।  अपना ही पैसा प्राप्त करने के लिए शुक्रवार को देशभर में बैंकों के बाहर नकदी के लिए लाइनें लगी रहीं और दो बुजुर्ग तो इतने बदकिस्मत रहे कि लंबी लाइन में लगने से उन्हें घबराहट हुई देखते ही देखते उनके प्राण पखेरू उड़ गए। 73 साल के  विश्वनाथ वर्तक 4 हजार के नोट बदलाने के लिए आए थे लेकिन दुनिया से ही चल बसे...केरल में भी 75 वर्षीय कार्तिकेयन नामक वृद्ध की मौत हो गई...


मुंबई में 4 हजार के नोट बदलाने के लिए बैंक बुजुर्ग विश्वनाथ की मौत हो गई जबकि देश की आर्थिक राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में लोग अपनी रोजमर्रा की खर्च के लिए पैसे निकालने की खातिर लंबी लाइनों में लगे रहे।
 
पुलिस ने कहा कि नोट बदलने के लिए मुलुंड के नवघर स्थित एससीबीआई बैंक की शाखा की लाइन में खड़े विश्वनाथ वर्तक गिरे और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि 500, 1000 के नोट बदलने के लिए वर्तक  लाइन में खड़े थे। उन्हें गिरते देख लोगों ने अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

विश्वनाथ के बेटे अनिरुद्ध वर्तक ने बताया कि मेरे पिता पिछले 7 सालों से उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे। वे दवा भी ले रहे थे और उपचार भी करवा रहे थे। वे अधिक उम्र संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे। 

केरल में नोट बदलने के गए दो व्यक्तियों की मौत : तिरुअनंतपुरम से खबर है कि केरल में 1000 और 500 रुपए  के पुराने नोट बदलवाने गए दो व्यक्तियों की मौत हो गई और राज्य में आज दूसरे दिन भी नोट बदलवाने वाले लोगों की भारी भीड़ रहीं। पुलिस ने बताया कि अलप्पुझा के हरिपद में कुमारपुरम के 75 वर्षीय कार्तिकेयन स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर की शाखा में लाइन में खड़े थे, अचानक वह मूर्छित हो गए और उनकी मौत हो गई।
 
एक अन्य घटना में 48 वर्षीय उन्नी 5.50 लाख रुपए जमा करने के लिए जरूरत फार्म भर रहे थे उसी दौरान उनकी मौत हो गई। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार यह एक हादसा था। उन्नी केरल राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारी थे। पुलिस के अनुसार उन्नी ने अपने पीएफ एकाउंट से ऋण ले रखा था और वह ऋण चुकाने के लिए बैंक पहुंचे थे। वह इस भवन के दूसरे तल से गिर गया, बैंक दूसरे तल पर है। अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है।
 
उन्नी कल भी बैंक आए थे  लेकिन भारी भीड़ की वजह से वह पैसा नहीं जमा करा पाया। राज्य में विभिन्न बैंकों के एटीएम आज प्रारंभ में काम नहीं कर रहे थे, जिससे ग्राहकों को बड़ी परेशानी हुई। ये ग्राहक अमान्य करार दिए गए पुराने बड़े नोटों को बदलवाने बैंक पहुंचे थे। 
 
विभिन्न बैंकों ने लोगों को आश्वासन दिया था कि दो दिनों तक बंद रहे एटीएम आज से काम करने लगेंगे लेकिन उनमें से कुछ ही आज शुरुआती घंटे में खुले रहे। इससे ग्राहकों का धर्य जवाब दे रहा था। सुबह में इन एटीएम पर बहुत भीड़ थी, लेकिन कुछ ही घंटे बाद उसमें पैसे खत्म हो गए। कुछ जगहों पर इसपर लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किए
 
पिछले दो दिन से पैसे की कमी से जूझ रहे देशभर में लोग कई जगहों पर सुबह से ही लाइनों में खड़े दिखे। विभिन्न स्थानों पर मशीन बंद होने या जल्दी पैसे खत्म होने के कारण उन्हें भयंकर तकलीफ हुई। दक्षिण मुंबई, लागबाग, परेल, दादर, अंधेरी, घाटकोपर और मुलुंड में मशीन बंद होने या पैसे खत्म होने के कारण लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ा।

मोदी सरकार द्वारा अचानक नोटबंदी करने के फैसले का असर कालेधन वालों के खिलाफ होने की बात तो बाद में होगी, लेकिन पिछले तीन दिनों से पूरा देश जिन परिस्थितियों से हलकान हो रहा है, इसकी परवार कोई नहीं कर रहा है। गुरुवार के दिन 500 और 1000 के नोट बंद होने से कई लोगों का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई जबकि शुक्रवार को दो बु‍जुर्गों ने महज इसलिए अपनी सांसे गंवा दी क्योंकि वे रुपए लेने के लिए लंबी कतार में खड़े थे। 
 
मुंबई के कैनरा बैंक की लाइन में लगने वाले वृद्ध की मौत के बाद केरल में जिस 72 साल के बुर्जुग की मौत हुई वह भारतीय स्टेट बैंक की लंबी लाइन में लगा हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 अक्टूबर को नोटबंदी के ऐलान के साथ ही देश को यह भरोसा दिलाया था कि दो दिन एटीएम और एक दिन बैंक बंद रहेंगे। इसके बाद लोगों को बैंकों से पैसा लेने में कोई अड़चन नहीं आएगी। प्रधानमंत्री तो जापान के दौरे पर हैं लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि देश के लोग कैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं।
 
शुक्रवार के दिन राजधानी दिल्ली समेत देश के तमाम महानगरों में लोग कई घंटे बैंकों के बाहर नकदी लेने के लिए लाइन में खड़े रहे। इंदौर में ऐलान किया था कि सुबह से ही एटीएम मशीनें काम करना शुरू कर देंगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। एटीएम मशीनों के बाहर जुटी भीड़ में लोग इससे काफी नाराज दिखे और व्यवस्था को कोसते रहे। 
 
विभिन्न बैंकों की छोटी शाखाओं में तो 500 और 1000 रुपए के नोट बदलने तथा पैसा जमा करने और चैक से पैसे निकलने की लाइनें कम लंबी थीं लेकिन इंदौर के अन्य क्षेत्रों में देर शाम तक लाइनें लगीं थी। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि एटीएम सेवाओं को पूरी तरह सामान्य होने में कम से कम 10 दिन लगेंगे। देश में करीब 2 लाख एटीएम हैं। इनमें से कुछ एटीएम से सिर्फ 500 और 1,000 के नोट ही मिलते रहे हैं। इन्हें 100 और 2,000 रुपए के नोट के लिए नए सिरे से व्यवस्था करनी होगी। (वेबदुनिया/भाषा) 


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