नई दिल्ली। राम मंदिर को लेकर जहां शिया और सुन्नी में तकरार चल रही है वही हिन्दू नेता और राज्य सरकार इसका शांतिपूर्ण समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच भाजपा नेता राम माधवन ने राम मंदिर के मुद्दे पर अपनी राय देते हुए कहा है कि मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट में ये मामला चल रहा है और इसे चलने देना चाहिए। इस पर बात-विचार और बहस बाद में भी किए जा सकते हैं।
इससे पहले आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने इस मुद्दे में अपनी मध्यस्थता की भूमिका की पहल की थी। उन्होंने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद को शांतिपूर्वक सुलझाने की कोशिश की थी लेकिन सुन्नी बोर्ड और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुधवार को उनके इन प्रयासों को ठुकरा दिया। सुन्नी बोर्ड ने साफ शब्दों में इस मुद्दे में श्रीश्री रविशंकर की मध्यस्थता को नकारते हुए कहा कि उन्हें कोई कानूनी अधिकार नहीं है। गौरतलब है कि शिया बोर्ड इस मामले को शांतिपूर्ण ढंग से समाधान चाहता है लेकिन सुन्नी बोर्ड के अडंगे के कारण मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
सोमवार को जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में संबोधित करते हुए श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि किसी भी मुद्दे को हल करने का एकमात्र उपाय बातचीत करना है। इस दौरान इस मुद्दे में शांति वार्ता के अपने प्रयासों के सकारात्मक परिणाम के लिए वे आश्वस्त दिखे।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने श्रीश्री रविशंकर से मुलाकात के बाद शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी ने भी कहा था कि उनकी मुलाकात काफी सकारात्मक रही और बोर्ड उनके पहल का स्वागत करता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि राम मंदिर निर्माण 2018 के शुरुआत से शुरु की जा सकती है।
इसी बीच बुधवार को श्रीश्री रविशंकर ने इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने लखनऊ स्थित आवास पर भी बुलाया था। दूसरी तरफ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस मुद्दे पर बात करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में सूफी और मुस्लिम बोर्ड से मिले।