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अयोध्या में राम दरबार व परकोटे में बने मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को, श्रद्धालुओं से बनाई दूरी

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हिमा अग्रवाल

अयोध्या , सोमवार, 2 जून 2025 (12:09 IST)
Shri Ram Janmabhoomi Temple : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में राम दरबार और मंदिर परिसर में बनाए गए अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में बताते हुए कहा कि 3, 4 और 5 जून को होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों के लिए किसी बाहरी श्रद्धालु या जनसाधारण को आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने रामभक्तों से अपील की है कि वह ही लोग अयोध्या आएं जिन्हें रामलला के दर्शन करने हैं, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के नाम पर यात्रा करने से बचें।
 
मौसम के चलते लिए गया निर्णय
चंपत राय ने कहा कि इस समय अयोध्या का मौसम बेहद गर्म है, जिसके चलते मंदिर प्रबंधन के लिए भक्तों को संभालना एक चुनौती साबित हो सकती है। गर्मी और उमस की प्रतिकूलता को देखते हुए ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है कि आम श्रद्धालुओं को राम दरबार व परकोटे में बने मंदिरों के दर्शन के लिए अभी कुछ महीनों तक प्रतीक्षा करनी होगी। यह निर्णय सुरक्षा की दृष्टि और दर्शन व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लिया गया है।
 
5 जून को होगी राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा
राम मंदिर परिसर के परकोटे में कुल 21 छोटे-छोटे मंदिर बनाए गए हैं, जिनमें विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित कर दी गई हैं। इन मंदिरों और मुख्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 5 जून को किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरी तरह से निजी और सीमित लोगों की उपस्थिति में ही होगा। इस कार्यक्रम में रामभक्तों को न्‍योता नहीं है, जिसके चलते वह इस अहम क्षण के गवाह नहीं बन पाएंगे। 
 
2 जून को निकलेगी जल कलश यात्रा
मुख्य राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरशोर से चल रही है। आज शाम यानी 2 जून को शाम 4 बजे सरयू तट से एक विशेष जल कलश यात्रा प्रराम्भ होगी। यह यात्रा पूरे मंदिर परिसर में पूजा के लिए उपयोग किए जाने वाले पवित्र जल को समर्पित है। मंगलवार यानी 3 जून को सुबह 6:30 बजे से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे, जो आगामी तीन दिन तक चलेंगे। यह सभी अनुष्ठान मंदिर परिसर के अंदर ही सम्पन्न होंगे, जिसमें मंदिर समिति के सदस्य ही शामिल रहेंगे। 
 
अभी चल रहा है निर्माण कार्य
ट्रस्ट महासचिव चंपत राय के मुताबिक, यहां राम मंदिर का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है, मंदिर के कई हिस्सों और क्षेत्रों में काम चल रहा है। जिसके चलते सुरक्षा व तकनीकी कारणों से श्रद्धालुओं को कुछ स्थानों पर अभी प्रवेश प्रतिबंधित है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि निर्माण में कुछ बाधाएं अभी सामने आ रही हैं, जिनका समाधान किया जा रहा है।
 
रामभक्तों से संयम की अपील
चंपत राय ने राम अनुयायी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे धैर्य और संयम बनाए रखें। उन्होंने कहा कि काम पूरा होते ही रामलला के भव्य स्वरूप के दर्शन अवश्य करने का अवसर मिलेगा, लेकिन इस समय किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, अनावश्यक भीड़ न जुटे जिसके चलते श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है।

ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर दर्शन व आयोजन से जुड़ी सूचनाएं सार्वजनिक की जाती रहेंगी। अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं से उम्मीद की जा रही है है कि वह संयम बरतेंगे। प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की यह प्रक्रिया आस्था और परंपरा का प्रतीक है, जिसे मर्यादा और शांति के साथ संपन्‍न किया जाएगा।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण :
राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम
तारीख : 3 जून से 5 जून 2025
स्थान : राम मंदिर, अयोध्या
3 व 4 जून : सुबह 6:30 से 12 घंटे तक वैदिक पूजा
5 जून : सुबह 6:30 से आरंभ, 11:00 बजे अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा
मुख्य आचार्य : कर्मकांडी पं. जयप्रकाश
वेदपाठी : कुल 101 वैदिक विद्वान शामिल।

विशेष आयोजन :  2 जून को सरयू आरती स्थल से कलश यात्रा
राम दरबार की मूर्ति प्रथम तल पर स्थापित (सफेद संगमरमर मूर्तिकार : सत्यनारायण पांडे)

जटायु, तुलसीदास, वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, शबरी, अहिल्या आदि की मूर्तियां स्थापित
परकोटा – 800 मीटर लंबा, 14 फीट चौड़ा, चार दिशाओं में सुरक्षा संरचना

प्रमुख मूर्तियां : शिवलिंग (मंदिर स्थल) गणेश (दक्षिण-पूर्व कोना) हनुमान (दक्षिणी भुजा) सूर्य देव (दक्षिण-पश्चिम कोना, रथ सहित) अन्नपूर्णा व राम रसोई (उत्तरी भुजा) मंदिरों के कलश पर स्वर्ण लेपन, सभी दरवाजे लग चुके हैं। लिफ्ट का निर्माण, प्रथम तल पर दर्शन की व्यवस्था पर विचार।

6 जून से मंदिर दर्शन आम जनता के लिए खोलने पर विचार किया जाएगा। कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट स्क्रीन व CCTV के माध्यम से होगा। एक आचार्य सभी मंडपों में लाइव आकर मंत्रों का उच्चारण करेंगे। सभी अनुष्ठान स्थलों पर बड़ी स्क्रीन के माध्यम से कर्मकांडी वैदिक विद्वानों को CCTV के द्वारा पूजन कर्म का दिशा निर्देश देंगे। एकसाथ सभी मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा।

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