नई दिल्ली। योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को भी सबक सिखाने की जरूरत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पराक्रम दिखाना होगा।
बाबा रामदेव ने एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम में सोमवार को भाग लेने के दौरान कहा कि मोदी को कोई बड़ा कदम उठाकर पराक्रम दिखाना होगा। कार्रवाई के अलावा अब कोई अन्य रास्ता नहीं बचा है।
उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सेना की कठपुतली बताया और कहा कि 10-20 दिन में बड़ा एक्शन होने वाला है। योगगुरु ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के साथ-साथ अब चीन को भी सबक सिखाने का समय आ गया है और चीन निर्मित उत्पादों का बहिष्कार करना होगा।
योगगुरु ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग तब तक बड़ा कदम नहीं उठाते जब तक उनके सामने मजबूरी नहीं होती। जब अस्तित्व का संकट आ जाए तब युद्ध के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता है। उन्होंने कश्मीर की समस्या पर कहा कि यदि सरदार पटेल देश की आजादी के बाद प्रधानमंत्री बनाए गए होते तो यह समस्या उत्पन्न ही नहीं होती।
योगगुरु ने मुसलमानों के पूर्वजों को हिंदू बताया और कहा कि 1400 साल पहले विश्व में इस्लाम था ही नहीं। उन्होंने कहा कि हम मजहब बदल सकते हैं, पूर्वज नहीं। सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर विवादास्पद बयानों के जरिए राजनीति चमकाने का आरोप लगाते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि यह बात जब उन्होंने देवबंद में कही थी तो मौलानाओं ने तालियां बजाकर इसका समर्थन किया था।
भगवान राम का उल्लेख करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि राम वोट बैंक नहीं हैं, वह राष्ट्र के पूर्वज हैं। राम मंदिर के साथ-साथ राम और सीता जैसा चरित्र भी बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामलला टेंट में हैं, ये हमारा दुर्भाग्य है और शर्मसार करने वाला है। इसे राम का अपमान बताते हुए योगगुरु ने कहा कि भाजपा को राम मंदिर पर अपना वादा निभाना चाहिए।
कालेधन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि देश में इस दिशा में काम तो हुआ है, लेकिन विदेशों में जो कालाधन है, उसके लिए जो प्रयास होने चाहिए वे नहीं हुए। कालेधन की वजह से आतंकवाद फैलता है। आम चुनाव में मोदी या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ खड़े होने के सवाल पर बाबा रामदेव ने कहा कि मैं देश के साथ खड़ा हूं।
स्वयं कोई भी सम्मान नहीं लेने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए योगगुरु ने कहा जिन संन्यासियों ने देश को बनाने में योगदान दिया उन्हें भारत रत्न क्यों नहीं दिया जा सकता। शहीद भगतसिंह और नेताजी सुभाषचंद्र बोस को भारत रत्न क्यों नहीं मिला?
उन्होंने लोगों से दो से ज्यादा बच्चे पैदा नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि दो से अधिक बच्चे पैदा करने वालों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी जाए। दो से अधिक बच्चे हों तो सरकारी सुविधाएं नहीं मिलें।