नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना एक अहम फैसला दिया है। उसने क्रिप्टोकरेंसी पर लगे आरबीआई द्वारा लगाए गए सारे प्रतिबंध हटा लिए हैं। इस फैसले के बाद देश के सभी बैंक इसका लेन-देन शुरू कर सकते हैं।
स्मरण रहे कि आरबीआई सन् 2018 में एक सर्कुलर के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करने से बैंकों को मना कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आम भारतीय भी बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीद और बेच सकेंगे।
इस मामले को लेकर इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। याचिका में आईएएमएआई ने अपने पक्ष में कहा था कि आरबीआई के इस फैसले से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर भी पाबंद लग गई है।
उधर आरबीआई ने अपने पक्ष में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से मनी लांड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण के खतरे के मद्देनजर इस पर पाबंदी लगाई गई थी।
क्रिप्टोकरेंसी के बारे में : क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होकर काम करती है और इसमें कूटलेखन तकनीक का उपयोग किया जाता है और इसके करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है तथा इसे हैक करना बहुत मुश्किल है। अत: यह इस प्रकार काफी सुरक्षित है और इसमें धोखाधड़ी की आशंका बहुत ही कम होती है। क्रिप्टोकरेंसी का परिचालन केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है।