Chardham yatra 2025 : केदारनाथ धाम में मंदिर के तीस मीटर के दायरे में मोबाइल और कैमरा को पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया गया है। रील और वीडियो बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मई में शुरू होने वाले केदारनाथ यात्रा को लेकर श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने यह फैसला लिया है। केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए राज्य सरकार, पुलिस प्रशासन के साथ-साथ श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने भी कमर कस ली है। बड़ी संख्या में तीर्थयात्री केदारनाथ धाम में दर्शन हेतु पहुंचते हैं। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा तीर्थयात्रियों को सुव्यवस्थित रूप से दर्शन कराए जाने हेतु व्यवस्था बनाई गई है।
खबरों के अनुसार, 2 मई से शुरू होने जा रही यात्रा से पहले केदारनाथ धाम मंदिर के 30 मीटर के दायरे में मोबाइल और कैमरा को पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया गया है। रील और वीडियो बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मई में शुरू होने वाले केदारनाथ यात्रा को लेकर श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने यह फैसला लिया है। केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए राज्य सरकार, पुलिस प्रशासन के साथ-साथ श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने भी कमर कस ली है।
दरअसल, बड़ी संख्या में तीर्थयात्री केदारनाथ धाम में दर्शन हेतु पहुंचते हैं। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा तीर्थयात्रियों को सुव्यवस्थित रूप से दर्शन कराए जाने हेतु व्यवस्था बनाई गई है। केदारनाथ धाम में मंदिर के तीस मीटर के दायरे में मोबाइल और कैमरा को पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया गया है।
केदारनाथ धाम में मंदिर में रील और वीडियो बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी यात्री को मोबाइल व कैमरा मंदिर के अंदर नहीं ले जाने दिया जाएगा। चारधाम महा पंचायत ने प्रदेश के पर्यटन सचिव से भी मुलाकात की और रील्स के अलावा अन्य प्रकार के वीडियो बनाने पर रोक लगाने की मांग की।
इस संबंध में चार धाम महा पंचायत की बैठक भी इस दिशा में हुई। इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि मंदिर परिसर में रील्स या अन्य वीडियो पर बैन लगना चाहिए। इसके अलावा मंदिर में वीआईपी दर्शन व ढ़ोल नगाड़ों के प्रदर्शन पर भी रोक लगनी चाहिए।
उत्तराखंड में साल 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान जो पैदल मार्ग पूरी तरह से बह गया था, उसे एक बार फिर तैयार किया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद केदारनाथ में इसी पुराने पैदल मार्ग पर यात्रा को सुचारू करने की योजना है। दरअसल यह मार्ग न केवल श्रद्धालुओं के लिए ज्यादा सुरक्षित है, बल्कि छोटा होने के कारण सुगम भी है।
Edited By : Chetan Gour