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बेंगलुरु भगदड़ : क्या राज्य सरकार ने DCP की चिट्ठी को किया नजरअंदाज, भीड़ को लेकर दी थी चेतावनी

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बेंगलुरु , रविवार, 8 जून 2025 (17:06 IST)
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ में करीब 56 लोग घायल हो गए। जीत का जश्न मातम में बदल गया। राज्य सरकार ने बड़े पुलिस अधिकारियों को संस्पेंड किया था। 
 
हालांकि इस मामले में नया खुलासा सामने आया है। घटना से पहले का एक पत्र सामने आया है। इस पत्र में सुरक्षा इंतजामों की कमी को लेकर पहले ही चेतावनी दी गई थी। तो क्या राज्य सरकार ने चिट्ठी को नजरअंदाज कर दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार DCP एमएन करिबासवना गौड़ा ने 4 जून को विक्ट्री परेड से पहले राज्य सरकार को लेटर लिखकर चेतावनी दी थी। 
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एमएन करिबसवाना गौड़ा ने एक पत्र जारी किया था। इसमें संबंधित बड़े अधिकारियों को आयोजन स्थल, क्राउड मैनेजमेंट, स्टाफ की कमी और सुरक्षा खतरों के बारे में बताया गया था। भाजपा ने इसे लेकर राज्य सरकार पर निशाना भी साधा।  
25 लाख रुपए की गई मुआवजा राशि 
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने चार जून को यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए घोषित मुआवजा राशि को  10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति परिवार कर दिया। सरकार ने यह जानकारी दी।
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भाजपा ने मांगा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का इस्तीफा
भाजपा की कर्नाटक इकाई के विधायकों और सांसदों ने रविवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया और बेंगलुरु में भगदड़ मामले पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया एवं उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की।
 
विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने आयोजित विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सी. नारायणस्वामी ने किया। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेताओं को त्रासदी के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
 
हाथ में तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को ‘‘हत्यारे’’ बताते हुए नारे भी लगाए गए। भाजपा नेता जल्द ही राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मिलने की योजना बना रहे हैं, उनसे हस्तक्षेप करने और सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।
 
यह भगदड़ चार जून की शाम को यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने हुई थी, जहां बड़ी संख्या में लोग आरसीबी टीम की आईपीएल में जीत के जश्न में भाग लेने के लिए उमड़े थे। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 56 घायल हो गए थे।
 
विरोध प्रदर्शन के दौरान अशोक ने मृतकों के लिए न्याय की मांग की और सिद्धरमैया व शिवकुमार को ‘‘बेंगलुरु के असली गुनहगार (आरसीबी)’’ कहा। उन्होंने कहा कि व्यवसायी विजय माल्या ने पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की टीम को प्रमोट किया और इसकी शुरुआत की। लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री नए आरसीबी हैं- बेंगलुरु के असली गुनहगार।’’
 
घटना के सिलसिले में बेंगलुरु के तत्कालीन पुलिस आयुक्त बी दयानंद सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए अशोक ने कहा, भाजपा पुलिस के साथ खड़ी है और उनके लिए लड़ेगी, क्योंकि पुलिस की ओर से कोई गलती नहीं थी।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा अनुमति न दिए जाने के बावजूद जीत का जश्न मनाया गया। ग्यारह लोगों की मौत कुछ और नहीं बल्कि ‘‘सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या’’ है।
 
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत सत्ता में बैठे लोग ग्यारह लोगों की लाशों पर राज्य नहीं चला सकते। उन्होंने कहा कि आपके पास कोई नैतिक अधिकार नहीं है, आप इसे खो चुके हैं। आप कानून की नजर में आरोपी हैं। 
 
बन रहे थे आरसीबी के ब्रांड एंबेसडर
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री आरसीबी के ‘‘ब्रांड एंबेसडर’’ की तरह व्यवहार कर रहे हैं, मौतों के बावजूद जीत का जश्न मनाया गया। उन्होंने कहा कि पहली मौत अपराह्न तीन बजकर 15 मिनट पर (चार जून को) हुई, जीत का जश्न कार्यक्रम शाम साढ़े चार से पांच बजे शुरू हुआ, तब तक सात से आठ मौतें हो चुकी थीं....फिर उपमुख्यमंत्री जश्न के दूसरे कार्यक्रम में शामिल होने स्टेडियम गए, जहां शाम साढ़े 6 बजे से सात बजे के आसपास एक करोड़ रुपये के पटाखों से आतिशबाजी की गई। 11 मौतों के बाद पटाखे फोड़े गए, क्या आपमें इंसानियत है? उन्होंने कहा कि हमने सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर जल्द ही राज्यपाल से मिलने की योजना बनाई है।’ इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma

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