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Bengaluru Stampede : बेंगलुरू भगदड़ में RCB के खिलाफ FIR, हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार से मांगा जवाब

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 5 जून 2025 (18:53 IST)
Bengaluru Stampede News : एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए भगदड़ पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने कहा कि विभिन्न समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित हुई है। इनमें आरसीबी के विजय जश्न के दौरान हुई त्रासदी का उल्लेख है। भगदड़ की घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और करीब 75 लोग घायल हो गए थे। एक्टिंग चीफ जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस सी एम जोशी बेंच ने राज्य सरकार को हादसे पर स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अब अगली सुनवाई 10 जून को होगी।
क्या कहा याचिकाकर्ता के वकील ने 
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा, 'राज्य सरकार को यह बताना चाहिए कि आरसीबी के खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किसने लिया है। जो खिलाड़ी देश के लिए नहीं खेलते, उन्हें सम्मानित करने की क्या मजबूरी थी।  कर्नाटक पुलिस ने गुरुवार को भगदड़ मामले में रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), DNA इवेंट मैनेजमेंट कंपनी और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ FIR दर्ज की। इन पर विक्ट्री परेड के दौरान आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया गया है।  
क्या था सरकार का दावा  
कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को हाईकोर्ट को बताया कि शहर के पुलिस आयुक्त, डीसीपी और एसीपी सहित 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ के दिन तैनात किए गए थे। इसके परिणामस्वरूप 11 लोगों की मौत हो गई थी। 
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पुलिस ने दर्ज किया मामला
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़ के सिलसिले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, कार्यक्रम प्रबंधन कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ और अन्य के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 56 घायल हो गए थे। यह जानकारी पुलिस ने बृहस्पतिवार को दी।
 
पुलिस के अनुसार, यह मामला कब्बन पार्क पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 105 (गैर इरादतन हत्या), 115 (जान-बूझकर चोट पहुंचाना), 118 (खतरनाक हथियारों या साधनों का इस्तेमाल करके जान-बूझकर चोट या गंभीर चोट पहुंचाना), 190 (सामान्य उद्देश्य की प्राप्ति में किए गए अपराधों के लिए गैरकानूनी जमावड़े में शामिल लोगों की जिम्मेदारी), 132 (लोक सेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 125(12) (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य), 142 (गैरकानूनी जमावड़ा) और 121 (किसी अपराध के लिए उकसाना) के तहत दर्ज किया गया है। 

हाईकोर्ट के जज से जांच की मांग
सरकार से चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ की जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराए जाने की मांग की। भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने की भी मांग की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार से घटना की जिम्मेदारी लेने का आह्वान करते हुए आरोप लगाया कि सरकार भीड़ को काबू कर पाने में अक्षम रही है।
 
विजयेंद्र ने कहा कि जिला उपायुक्त (डीसी), मजिस्ट्रेट द्वारा जांच भाजपा की मांग नहीं है। चूंकि राज्य सरकार, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों की ओर से गैरजिम्मेदार रवैया अपनाया गया है, इसलिए भाजपा की मांग है कि उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश द्वारा जांच कराई जाए। डीसी मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री को तलब नहीं कर सकते।  इनपुट एजेंसियां  Edited by: Sudhir Sharma

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