नई दिल्ली। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), बेंगलुरु के एक अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि देश के सरकारी बैंकों को वर्ष 2012 से 2016 के बीच फर्जीवाड़े से कुल 227.43 अरब रुपए का चूना लग चुका है।
मार्च 2017 में आरबीआई ने जो आंकड़े जारी किए, उनके मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 के पहले नौ महीनों में आईसीआईसीआई बैंक से 1 लाख रुपए और ज्यादा की रकम के 455 फर्जी ट्रांजैक्शन पकड़े गए जबकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के 429, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के 244 और एचडीएफसी बैंक के 237 फर्जी ट्रांजैक्शन सामने आए।
आंकड़े बताते हैं कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 64 कर्मचारी, एचडीएफसी बैंक के 49 कर्मियों जबकि ऐक्सिस बैंक के 35 एंप्लॉयीज की भूमिका इन फर्जी ट्रांजैक्शंस में पाई गई। अप्रैल से दिसंबर 2016 के बीच 177.50 अरब रुपय के फर्जीवाड़े के 3,870 मामले दर्ज करवाए गए। इन फर्जीवाड़ों में निजी और सरकारी बैंकों के 450 कर्मचारी लिप्त थे।
2011
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) को पता चला है कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक, ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और आईडीबीआई में 10 हजार जाली खाते खोले गए और 1.5 अरब रुपए मूल्य का लोन दे दिया गया।
2014
मुंबई पुलिस ने 7 अरब रुपए के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) फ्रॉड में सरकारी बैंकों के कुछ अधिकारियों के खिलाफ नौ एफआईआर दर्ज की थीं।
इलेक्ट्रोथर्म इंडिया नाम की कंपनी ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 4.36 अरब रुपए का चूना लगाया।
कोलकाता के उद्योगपति बिपिन वोहरा ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे 1.4 अरब रुपए का लोन लेकर कथित तौर पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से ठगी की थी।।
सिंडिकेट बैंक के पूर्व चेयरमैन और एमडी एस के जैन द्वारा रिश्वत लेकर 80 अरब रुपए का लोन देने का मामला सामने आया था।
2015
जैन इन्फ्राप्रॉजेक्ट्स के कर्मचारियों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के साथ कथित तौर पर 2.12 अरब रुपए के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।
विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने फॉरन एक्सचेंज स्कैम में 60 अरब रुपए का फर्जीवाड़ा किया। इसमें नकली हॉन्ग कॉन्ग कॉर्पोरेशन का भी सहारा लिया गया था।
2016
चार लोगों ने सिंडिकेट बैंक में 386 अकाउंट्स खुलवाकर 10 अरब रुपए का फर्जीवाड़ा किया। बैंक को चूना लगाने के लिए उन लोगों ने जाली चेक, लेटर ऑफ क्रेडिट्स (लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग्स) और एलआईसी पॉलिसीज का सहारा लिया।
2017
सीबीआई ने आईडीबीआई बैंक का 9.5 अरब रुपए का लोन वापस नहीं करने के आरोप में यूनाइटेड ब्रुअरीज के पूर्व चेयरमैन विजय माल्या और 10 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
सीबीआई ने 11.61 अरब रुपए की दोषपूर्ण हानि पहुंचाने के आरोप में पांच सरकारी बैंकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स के खिलाफ 6 चार्जशीट दायर करवाईं।
सीबीआई ने 20 बैंकों को 22.23 अरब रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप में कोलकाता के नामी-गिरामी कारोबारी नीलेश पारेख को गिरफ्तार किया।
सीबीआई ने दो सरकारी बैंकों को 2.9 अरब रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप में अभिजीत ग्रुप के प्रमोटर्स और कैनरा बैंक के पूर्व डीजीएम को गिरफ्तार किया।