भीमा कोरगांव मामले में पिछले साल आतंकवाद विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किए गए 84 साल के ट्राइबल एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे। बॉम्बे हई कोर्ट के आदेश पर 30 मई को उन्हें मुंबई के होली फैमली अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
रविवार को फादर स्टेन स्वामी की तबीयत अचानक काफी खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। आज उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली। खबर के मुताबिक काफी समय से उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उनका ऑक्सीजन लेवल काफी फ्लकचुएट हो रहा था।
उनके वकील मिहिर देसाई ने आज सुबह उनकी खराब तबीयत को लेकर जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि रविवार रात को 84 साल के फादर स्टेन स्वामी वेंटिलेशन पर थे। कोर्ट के 28 मई के आदेश के बाद से स्वामी का होली फैमिली हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था।
निजी अस्पताल में उनके इलाज का खर्च उनके सहयोगी और मित्र उठा रहे थे। शनिवार को अधिवक्ता देसाई ने जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की पीठ को बताया था कि स्वामी की हालत नाजुक बनी हुई है और वह अब भी आईसीयू में हैं।
पीठ ने मंगलवार को स्वामी की चिकित्सीय आधार पर दायर जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी थी और तब तक उन्हें अस्पताल में रहने को कहा था। पिछले हफ्ते, स्वामी ने कोर्ट में एक नई याचिका दायर कर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (UAPA) की धारा 43डD (5) को चुनौती दी थी, जो इस कानून के तहत आरोपी बनाए गए व्यक्ति की जमानत पर सख्त शर्तें लगाती है।
भीमा कोरेगांव मामले में फादर स्टेन स्वामी को रांची से गिरफ्तार किया गया था। कई आदिवासी संगठनों समेत कांग्रेस और जेएमएम ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया था।