Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Omicron Variant की उत्पत्ति को लेकर बड़ा खुलासा- क्‍या चूहों, खरगोश और गिलहरी से हुआ वायरस का जन्‍म?

हमें फॉलो करें Omicron
, बुधवार, 26 अप्रैल 2023 (20:35 IST)
  • वैज्ञानिकों ने आशंका जताई कि चूहों, खरगोश और गिलहरी से हुआ वायरस का जन्‍म
  • रोडेंट के कारण हुई ओमिक्रॉन वीओसी स्वरूप की उत्‍पत्ति
  • ओमिक्रॉन स्वरूप की उत्पत्ति को लेकर बड़ा खुलासा
नई दिल्ली। Big disclosure on Omicron Variant : वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि सार्स-सीओवी-2 वायरस का ओमिक्रॉन स्वरूप (Omicron Variant) कुतरने वाले जीवों (रोडेंट) से उत्पन्न हुआ है। कुतरने वाले जीवों में चूहा, खरगोश और गिलहरी आदि शामिल हैं जिनके आगे के दांत मजबूत और धारदार होते हैं।

वैज्ञानिक उन कारणों की जांच कर रहे हैं जिनके जरिए महामारी के दूसरे वर्ष में सार्स-सीओवी-2 के इतने सारे ‘म्यूटेशन’ सामने आए और ऐसी आशंका है कि रोडेंट के कारण ओमिक्रॉन वीओसी स्वरूप का उद्भव हुआ हो।

क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर और अन्य भारतीय संस्थानों के शोधकर्ताओं ने सार्स-सीओवी-2 के ओमिक्रॉन स्वरूप की संभावित उत्पत्ति के लिए पत्रिका ‘करंट साइंस’ में प्रकाशित एक शोध पत्र में अपनी परिकल्पना का प्रस्ताव दिया है, जो वायरस कोविड-19 का कारण बनता है।

एक पिछले अध्ययन में सुझाव दिया गया था कि सार्स-सीओवी-2 वायरस का ओमिक्रॉन स्वरूप एक पशु प्रजाति से मनुष्यों में फैल सकता है। इस पत्र में उन्होंने ओमिक्रॉन स्वरूप की संभावित उत्पत्ति के लिए दो परिकल्पनाओं को सामने रखकर अध्ययन शुरू किया-सबसे पहले, लंबे समय तक सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के साथ एक व्यक्ति में ‘म्यूटेशन’ पहुंच रहा है और दूसरा एक पशु प्रजाति में ‘रिवर्स जूनोसिस’ द्वारा संक्रमण।

जब मनुष्यों से कोई संक्रामक बीमारी जानवरों में पहुंचती है तो उसे ‘रिवर्स जूनोसिस’ कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने ब्रिटेन की एक रिपोर्ट के आधार पर पहली परिकल्पना को खारिज कर दिया, जिसके अनुसार 7-9 महीनों की अवधि में जब संक्रमण तीन एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों में बना रहा, तो अल्फा स्वरूप के स्पाइक प्रोटीन के आरबीडी क्षेत्र में केवल 2-3 नए ‘म्यूटेशन’ पाए गए।

दूसरी परिकल्पना के लिए, शोधकर्ताओं ने कहा कि इसके समर्थन में कई सबूत थे। हालांकि शोधकर्ताओं ने कहा कि जहां वायरस के ‘रिवर्स जूनोसिस’ और ‘एनजूटिक ट्रांसमिशन’ के लिए पर्याप्त सबूत थे तो वहीं इस सवाल का जवाब नहीं मिल सका कि रोडेंट वायरस से कैसे संक्रमित हो सकते हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

NSE ने निवेशकों को दी चेतावनी, लालच पड़ सकता है महंगा, ठग का नाम और नंबर किया जारी