उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही उनके 52 मंत्रियों ने भी पद की शपथ ली। लेकिन इस मंत्री मंडल में चौंकाने वाला फैसला भी सामने आया है। दरअसल, कई ऐसे बड़े चेहरे हैं जो चुनाव जीतने के बाद भी सरकार से बाहर हैं।
जिन चार बड़े नामों को सरकार में शामिल नहीं करने की चर्चा है, उनमें सतीश महाना, श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थनाथ सिंह और महेन्द्र सिंह शामिल हैं। इसके साथ ही मोहसिन रजा और नीलकंठ तिवारी को सरकार में शामिल नहीं किया गया है।
इनके साथ ही कैबिनेट मंत्री रहे आशुतोष टंडन 'गोपाल जी' तथा राज्य मंत्री मेहसिन रजा को योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में शामिल नहीं किया गया है।
सतीश महाना कानपुर के महाराजपुर, श्रीकांत शर्मा मथुरा, सिद्धार्थनाथ सिंह इलाहाबाद पश्चिम, आशुतोष टंडन 'गोपाल जी' लखनऊ पूर्व तथा नीलकंठ तिवारी ने वाराणसी दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की है। महेन्द्र सिंह तथा मोहसिन रजा विधानसभा परिषद के सदस्य हैं।
मोहसिन रजा की जगह मुस्लिम चेहरे के रूप में दानिश आजाद अंसारी को मौका मिला है। मोहसिन रजा की जगह राज्य मंत्री बने दानिश आजाद अंसारी ने लखनऊ विश्विद्यालय से बीकॉम और फिर मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट व मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है।
युवा चेहरा और बुलंद आवाज वाले अंसारी छह वर्ष तक भाजपा से जुड़े छात्र संगठन यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता रहे। 2017 में उनको उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाया गया। 2022 के चुनाव से ठीक पहले भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया गया।
दानिश ने खुलकर युवाओं के बीच एबीवीपी के साथ-साथ भाजपा और आरएसएस के लिए माहौल बनाया। इसमें भी खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच में वह काफी सक्रिय रहे।