Bihar flood : बिहार सरकार ने कोसी बैराज, वीरपुर से रिकॉर्ड 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़े जाने और लगातार जारी बारिश के मद्देनजर राज्य के उत्तरी और मध्य भागों में कोसी, गंडक और गंगा जैसी उफनती नदियों में रविवार को बाढ़ की चेतावनी जारी की। कोसी बैराज, वीरपुर से रिकॉर्ड पानी छोड़े जाने से 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोग प्रभावित हो सकते हैं, जो भारी बारिश के कारण पहले से ही बाढ़ से जूझ रहे हैं।
जल संसाधन विभाग के अनुसार, नेपाल में भारी वर्षा के कारण आज सुबह पांच बजे कोसी बैराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 1968 के बाद सर्वाधिक है। तटबंधों की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग की टीम दिन-रात तत्पर हैं। वर्ष 1968 में इस बैराज से अधिकतम पानी 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
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इसी तरह गंडक नदी पर बने वाल्मीकिनगर बैराज से शनिवार शाम सात बजे तक 5.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह 2003 में छोड़े गए 6.39 लाख क्यूसेक के बाद बैराज से छोड़ा गया सबसे अधिक पानी है।
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल द्वारा शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार, 27 सितंबर से नेपाल प्रभाग में बारिश निरंतर जारी है। नेपाल के प्राधिकारियों ने शनिवार शाम सात बजे तक गंडक बैराज में 5.40 लाख क्यूसेक और कोसी बैराज में 4.99 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा था।
पिछले दो-तीन दिनों से लगातार बारिश के बाद राज्य में गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा तथा गंगा नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं।
इन दो बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया और कई अन्य जिलों के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है तथा बिहार के कई जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने भारी बारिश की भविष्यवाणी की है और राज्य के कुछ हिस्सों में अचानक बाढ़ आने की चेतावनी दी है। पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है।
अधिकारियों ने बताया कि बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर समेत गंगा के किनारे बसे करीब 13 जिलों में पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति है और मूसलाधार बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले करीब 13.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। प्रभावित जिलों से बड़ी संख्या में लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
Edited by : Nrapendra Gupta