Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

10 बॉडीगार्ड होते हुए भी आतंकी हमले में मारे गए भाजपा नेता, साजिश या लापरवाही...

हमें फॉलो करें 10 बॉडीगार्ड होते हुए भी आतंकी हमले में मारे गए भाजपा नेता, साजिश या लापरवाही...

सुरेश एस डुग्गर

, गुरुवार, 9 जुलाई 2020 (18:08 IST)
जम्मू। कश्मीर के बांदीपोरा में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष शेख वसीम बारी और उनके भाई व पिता की हत्या के बाद सबसे अधिक चर्चा का विषय यह है कि अगर 10 बॉडीगार्ड होने के बावजूद आतंकी उनकी हत्या कर सकते हैं तो आम कश्मीरी की जान की सुरक्षा कैसे हो पाएगी? हालांकि मामले में लापरवाही के आरोप में सुरक्षा में तैनात 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
 
सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद यह वारदात पूर्व सुनियोजित हमले की तरह लग रही है। इस बात की पुष्टि आईजी कश्मीर जोन विजय कुमार ने भी की है।
 
पुलिस स्टेशन के सामने ही भाजपा नेता वसीम बारी, उनके भाई और पिता को मौत के घाट उतारने वाले आतंकियों को पुलिस ने चिन्हित कर लिया है। दोनों का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से है। अलबत्ता, हमले की जिम्मेदारी लश्कर के बजाय द रजिस्टेंस फोर्स ने ली है। आईजी कश्मीर कुमार के अनुसार, यह हत्या एक सुनियोजित तरीके से की गई है।
 
बारी के पिता और भाई भी भाजपा के साथ जुड़े थे। उनकी मां का पिछले साल एक सड़क हादसे में देहांत हो गया था। अब उनके परिवार में उनकी बहन और पत्नी के अलावा दो बच्चे रह गए हैं। हालांकि पुलिस ने उनकी हत्या के लिए लश्कर को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट ने सोशल मीडिया पर इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि जो भी कश्मीर में भारत का साथ देगा, उनका अंजाम बुरा ही होगा।
 
विजय कुमार ने कहा कि पुलिस स्टेशन के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे और घटनास्थल के पास लगे एक अन्य सीसीटीवी की फुटेज की हमने जांच की है। इसमें हमलावर आतंकी साफ नजर आ रहे हैं। एक आतंकी स्थानीय है जिसका नाम आबिद है, जबकि दूसरा पाकिस्तानी है। आबिद ने दुकान में मौजूद वसीम, उनके भाई उमर सुल्तान और पिता बशीर शेख पर नजदीक से गोली चलाई, जबकि पाकिस्तानी आतंकी दुकान के बाहर था। वारदात के बाद दोनों आतंकी फरार हो गए।
 
आईजी ने बताया कि वसीम बारी और उनके परिजनों की हिफाजत के लिए 10 पुलिसकर्मी तैनात थे। उन्हें हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमने अभी तक जो जांच की है, उसके मुताबिक यह हमला अचानक नहीं किया गया है। आतंकियों ने पहले दुकान और मकान की रैकी की है। उन्हें अच्छी तरह पता था कि भाजपा नेता कब और कहां आ-जा रहे हैं।
 
चार साल में तीसरे भाजपा नेता की हत्या : कश्मीर में पिछले चार सालों में किसी वरिष्ठ भाजपा नेता की हत्या की यह तीसरी वारदात है। इससे पूर्व दो नवंबर 2017 को शोपियां में भाजपा की युवा इकाई के जिला प्रधान गौहर बट को आतंकियों ने अगवा कर लिया था। अगले दिन बट की सिरकटी लाश मिली थी। वहीं, बीते साल 4 मई को अनंतनाग के नौगाम वेरीनाग में आतंकियों ने भाजपा के बुजुर्ग नेता गुल मोहम्मद मीर अटल की उनके घर के बाहर हत्या कर दी थी।
बीते जून महीने की शुरुआत में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित और कांग्रेस पार्टी के नेता सरपंच अजय पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बीते 17 वर्षों में वादी में किसी कश्मीरी पंडित की आतंकियों द्वारा हत्या की यह पहली वारदात थी। सरपंच कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे। अजय पंडिता की हत्या की स्थानीय नेताओं ने कड़ी निंदा की थी। सुरक्षा बलों ने आतंकियों के सफाए के लिए टॉप-12 आतंकियों की हिट लिस्ट बनाई है। वादी में करीब 170 आतंकी सक्रिय हैं।
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

EngvsWI : पहले टेस्ट में शेनोन गैब्रियल ने 3 विकेट लेकर इंग्लैंड को मुश्किल में डाला