नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबंध में इस्तेमाल किए गए आपत्तिजनक शब्दों को लेकर भाजपा कांग्रेस व सोनिया गांधी पर हमलावार है। इसी कड़ी में आज भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को कहा कि संसद तभी चलेगी, जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपनी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबंध में इस्तेमाल किए गए आपत्तिजनक शब्दों के लिए माफी मांगेंगी।
चौधरी ने बुधवार को एक निजी समाचार चैनल से बातचीत के दौरान राष्ट्रपति को 'राष्ट्रपत्नी' कहकर संबोधित किया था। इसके बाद एक नया राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हो गया। भाजपा नेताओं ने चौधरी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसके लिए सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की थी।
चौधरी की टिप्पणी को लेकर गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में भी जोरदार हंगामा हुआ और कार्यवाही बाधित हुई। दुबे ने ट्वीट कर कहा कि आदिवासी समाज का अपमान भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी। सोनिया गांधी के माफी मांगने के बाद ही लोकसभा चलेगी, यह हम भाजपा सांसदों की मांग लोकसभा अध्यक्ष से है।
उन्होंने कहा कि एक गरीब आदिवासी का राष्ट्रपति बनना कांग्रेस के झूठ व वोट बैंक की राजनीति पर करारा तमाचा है। झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे ने कहा कि वर्ष 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद की कार्रवाई चलाने पर एक राष्ट्रीय परिचर्चा की थी और उस चर्चा के अनुसार सदन चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष की ज्यादा है और सरकार की कम है।
उन्होंने कहा कि अटलजी की यह सोच आज हमारी मार्गदर्शिका है। सोनिया गांधी माफी मांगें, आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान नहीं चलेगा। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दुबे ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि कांग्रेस ने केवल एक परिवार के ट्रस्ट के बारे में 2012 में बोलने के कारण तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को संसद की विशेषाधिकार समिति के समक्ष पेश होने के लिए 10 नोटिस दिए थे। उन्होंने कहा कि यही कांग्रेस का लोकतंत्र है तथा संसद के दुरुपयोग का इतिहास।(भाषा)