लखनऊ। भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। सावित्री ने रविवार को राजधानी लखनऊ स्थित काशीराम स्मृति उपवन में 'भारतीय संविधान व आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन' किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आरक्षण कोई भीख नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व का मामला अगर आरक्षण को खत्म करने का दुस्साहस किया गया तो भारत की धरती पर खून की नदियां बहेंगी।
सावित्री ने कहा कि संविधान और आरक्षण खतरे में है। मैं सांसद रहूं या न रहूं लेकिन संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं होने होंगी। आरक्षण कोई भीख नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व का मामला है। यदि शासक वर्ग ने भारत के संविधान को बदलने और हमारे आरक्षण को खत्म करने का दुस्साहस किया तो भारत की धरती पर खून की नदियां बहेंगी।
बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले ने इससे पहले भी अपनी ही सरकार व पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा था कि केंद्र सरकार आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रही है। सावित्री बाई ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक खतरे में हैं। भारतीय संविधान और आरक्षण भी खतरे में आ गया है।
सांसद ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा था। इसमें प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण जैसी व्यवस्था की मांग है। सांसद सावित्रीबाई फुले ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का नाम बदलकर भीमराव रामजी आंबेडकर करने के प्रदेश की योगी सरकार के फैसले पर नाराजगी जताई थी।