नई दिल्ली। भाजपा ने पाकिस्तान में शुक्रवार को ननकाना साहिब गुरूद्वारा पर भीड़ द्वारा कथित पथराव एवं नारेबाजी की घटना की निंदा करते हुए कहा है कि इस घटना से भारत में मोदी सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का महत्व साबित हो गया है।
भाजपा की सांसद मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को ननकाना साहिब की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान में हिंदू और सिख सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की प्रताड़ना का लंबा इतिहास है और ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर पथराव की घटना इसका एक उदाहरण मात्र है।
लेखी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, ननकाना साहिब की घटना ने साबित कर दिया है कि भारत में सीएए क्यों जरूरी था। लेखी ने कहा, दिल्ली के शाहीन बाग में धरना देने वालों और केरल की विधानसभा में बैठे लोगों को अब सीएए के महत्व को समझना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में छात्रों के अलावा देश के विभिन्न भागों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जबकि सीएए के विरोध में केरल की विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से इसे वापस लेने का अनुरोध किया है।
लेखी ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ धार्मिक प्रताड़ना की दशकों पुरानी समस्या के शिकार लोगों को भारत में नागरिकता देने का विरोध कर रही कांग्रेस सहित अन्य दलों और दिल्ली के शाहीन बाग से लेकर विभिन्न राज्यों में विरोध कर रहे लोगों को यह सच्चाई समझना चाहिए।
लेखी ने कहा, ननकाना साहिब में शुक्रवार को हुई घटना की हम निंदा करते हैं। पाकिस्तान में जो हो रहा है वह निंदनीय है। वहां जबरन धर्मान्तरण कराया जा रहा है। हिंदू और सिख सहित अन्य अल्पसंख्यक महिलाओं को जबरन उठा लिया जाता है।
उन्होंने कहा कि अगर ननकाना साहिब गुरुद्वारा में इस तरह की घटना हो सकती है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान के अन्य इलाकों में क्या हालत होगी। ननकाना साहिब की घटना पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा धर्मांधता को प्रेम से ही खत्म किए जा सकने के बयान पर लेखी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, कसाई को भाई कैसे बना सकते हैं।
उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि कांग्रेस ने धर्मांधता को प्रेम से खत्म करने के लिए ही अपने नेता नवजोत सिद्धू को आईएसआई प्रमुख को गले लगाने के लिए पाकिस्तान भेजा तो था, क्या इससे पाकिस्तान में धर्मांधता और धार्मिक प्रताड़ना बंद हो गई।
लेखी ने कांग्रेस द्वारा ननकाना साहिब की घटना की निंदा किए जाने को ढकोसला बताते हुए कहा, कांग्रेस के चेहरे पर पहले से ही कालिख पुती है। सिख दंगों में जो लोग आरोपी हों और सीएए का देशभर में विरोध कर रहे हों उन्हें इस घटना के बाद यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार लोगों की तरफ आंखें बंद किए रहने के कारण ही मोदी सरकार को नागरिकता कानून में संशोधन करना पड़ा।
इस दौरान भाजपा के सचिव और पार्टी के पंजाब के वरिष्ठ नेता तरुण चुग ने कहा कि गुरुनानक देव की जन्मस्थली ननकाना साहिब गुरुद्वारे की घटना के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को कम से कम अब तो पाकिस्तान में सिख और हिंदुओं सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की चीख-पुकार सुनाई देनी चाहिए। चुग ने कहा, जिन सोनिया गांधी के आंखों में कभी आंसू आते थे, वो आंसू आज सूख क्यों गए? एक बेटी पर जब पाकिस्तान में अत्याचार होता है तो प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, और ममता बनर्जी चुप क्यों हैं?