लोकसभा चुनाव के बाद अब भाजपा में संगठनात्मक चुनाव को लेकर हचलल तेज हो गई है। आज दिल्ली में भाजपा की एक बड़ी बैठक होने जा रही है, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू करने से पहले पार्टी के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान शुरु करने पर कोई निर्णय हो सकता है। दरअसल भाजपा में सदस्यता अभियान के बाद ही संगठन के चुनाव करवाए जाते हैं।
पार्टी के संविधान के अनुसार सदस्यता अभियान के बाद मंडल,जिला और राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अध्यक्ष का चुनाव होता है। गौरतलब है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक् जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हो चुका है, लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें अध्यक्ष पद पर एक्सटेंशन मिला था, वहीं जेपी नड्डा के मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने के बाद भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलना तय है।
MP भाजपा के संगठन में बदलाव तय- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष में बदलाव के बाद मध्यप्रदेश भाजपा को भी नया अध्यक्ष मिलना भी तय है। इसके साथ प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री का भी बदला जाना लगभग तय है। वहीं आज दिल्ली में होने वाली बैठक में मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा शामिल होंगे।
वीडी शर्मा के बाद मध्यप्रदेश भाजपा की कमान किस नेता के हाथों में यह होगी, यह सवाल इन दिनों भोपाल से लेकर दिल्ली तक सियासी गालियारों में चर्चा के केंद्र में बना हुआ है। पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव मे सभी 29 सीटें जीतने का रिकॉर्ड बनाने वाले भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को क्या पार्टी नेतृत्व एक और कार्यकाल देगा, यह भी सवाल सियासी चर्चा के केंद्र में है।
नए प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार?- भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति में जातीय समीकरण को साधा जा सकता है। ऐसे में जब मुख्यमंत्री ओबीसी कोटे से आते है तब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद सामान्य श्रेणी में आ सकता है। ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष के संभावित नामों में पार्टी की ज्वाइनिंग टोली के संयोजक नरोत्तम मिश्रा का नाम सबसे उपर है। नरोत्तम मिश्रा भले ही विधानसभा चुनाव दतिया से हार गए हो लेकिन वह भोपाल से लेकर दिल्ली तक सक्रिया है। इसके साथ ही सामान्य वर्ग से आने वाले वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है। हलांकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अब 2028 और 2029 को लेकर नई पीढ़ी के नेताओं को कमान सौंपने की तैयारी में है इसलिए गोपाल भार्गव की दावेदारी थोड़ी कमजोर पड़ती है।
इसके साथ सतना से पांचवीं बार सांसद चुने गए गणेश सिंह और राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर भी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार में है। पांच बार के सांसद गणेश सिंह पिछड़ा वर्ग के बड़े चेहरे माने जाते हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा को शिकस्त देकर लगातार पांचवीं बार सांसद बने। गणेश सिंह ने सियासी कॅरियर की शुरुआत जिला पंचायत से की थी । एक बार जिला पंचायत सदस्य और दूसरी बार अध्यक्ष बने।
वहीं बंशीलाल गुर्जर की पहचान बड़े किसान नेता के रुप में होती है। मंदसौर से आने वाले बंशीलाल गुर्जर पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके है। वे भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा कृषि उपज मंडी मंदसौर में लगातार 15 साल तक अध्यक्ष पद पर काबिज रहे. उनकी पत्नी भी जनपद अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी है। बंशीलाल गुर्जर बीजेपी में भी महामंत्री सहित कई पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उनकी पहचान मध्य प्रदेश के बड़े किसान नेताओं में होती है।