नई दिल्ली। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने स्पष्ट करते हुए कहा कि ब्लैक फंगस (Mucormycosis) छूने से नहीं फैलता। हालांकि उन्होंने कहा कि कम इम्युनिटी वालों को जरूर ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा होता है।
उन्होंने कहा कि डॉ. गुलेरिया ने सोमवार को कहा कि ऐसे डायबिटिक पेशेंट जो कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें ब्लैक फंगस का सबसे ज्यादा खतरा होता है। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस मुख्य रूप से साइनस, आंखों के आसपास की हड्डियों में पाया जाता है और वहां से यह मस्तिष्क में भी प्रवेश कर सकता है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कभी-कभी यह फंगस लंग्स और गैस्ट्रोइन्टेस्टनल ट्रैक्ट में भी मिलता है। उन्होंने कहा कि शरीर के अलग-अलग हिस्सों में मिलने वाले इस फंगस का रंग भी अलग-अलग होता है। हालांकि यह इन्फेक्शन संक्रामक नहीं है।
एम्स के निदेशक ने कहा कि देश में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में इसकी अनदेखी करना घातक हो सकता है। इस इन्फेक्शन का उपचार यदि जल्दी शुरू हो जाता है तो मरीज को फायदा होता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के परामर्श के बिना स्टेरॉयड नहीं लेना चाहिए।