भोपाल। देश से मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर होने के एक दिन बाद ही पूर्व सीईसी ओपी रावत ने नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। ओपी रावत ने नोटबंदी को असफल बताते हुए कहा कि नोटबंदी के ऐलान के बाद ऐसा लगा था कि चुनाव में इस्तेमाल होने वाले पैसे का गलत इस्तेमाल बंद हो जाएगा, लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
देश के पूर्व चुनाव आयुक्त ने दावा किया कि नोटबंदी के बाद हुए इस बार के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी पहले की तुलना से अधिक पैसा जब्त किया गया। ओपी रावत ने तंज कसते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि राजनेताओं और उनके फाइनेंसरों के पास पैसों की कोई कमी नहीं है।
ओपी रावत ने इस बात की भी आशंका जताई कि चुनाव में इस प्रकार इस्तेमाल किया जाने वाला पैसा अधिकतम कालाधन ही होता है। देश में नोटबंदी के फैसले का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि नोटबंदी का मुख्य उद्देश्य देश में कालेधन को खत्म करना है।
इसके लिए सरकार ने देश में उस समय प्रचलित 500 और 1000 के नोटों को प्रचलन से बाहर कर दिया था। बाद में रिज़र्व बैंक ने 2 हजार और 500 के नए नोट जारी किए थे, वहीं नोटबंदी के बाद एक साथ 5 राज्यों में हुए चुनाव में कार्रवाई के दौरान जो पैसा बरामद किया गया है, उसमें बड़ी संख्या में 2 हजार के नोट जब्त किए गए हैं।