Railway Bonus : रेलवे कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट, मिलेगा 78 दिन का बोनस, 11.72 लाख कर्मचारियों को फायदा
दो बड़ी कृषि योजनाओं को दी मंजूरी
bonus to railway employees : रेलवे कर्मचारियों को सरकार ने बड़ा गिफ्ट दिया है। रेलवे कर्मचारियों को दीवाली से पहले 78 दिन का बोनस मिलेगा। बोनस का भुगतान दशहरा और दिवाली पूजा की छुट्टियों से पहले किया जाएगा। साथ ही बोनस के भुगतान से आगामी त्योहार के सीजन में अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। आज हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार के इस फैसले से 11.72 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, यह राशि रेलवे कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य कर्मचारियों को दी जाएगी।
कार्यकुशलता से जुड़े बोनस का भुगतान रेलवे के कार्यक्षमता में सुधार की दिशा में काम करने के लिए रेलवे कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा।
दो कृषि योजनाओं को दी मंजूरी : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टिकाऊ कृषि को प्रोत्साहन और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार को एक लाख करोड़ रुपये के परिव्यय वाली दो बड़ी कृषि योजनाओं को मंजूरी दी। इन योजनाओं के नाम पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) हैं।
मंत्रिमंडल ने टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए पीएम-आरकेवीवाई और आत्मनिर्भरता के लिए खाद्य सुरक्षा हासिल करने के लिए कृषोन्नति योजना को मंजूरी दी।
सरकार ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट में कहा कि इन दोनों कृषि योजनाओं पर कुल मिलाकर 1,01,321.61 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके मुताबिक, मंत्रिमंडल ने कृषि मंत्रालय के तहत संचालित होने वाली सभी केंद्र-प्रायोजित योजनाओं को दो विस्तृत योजनाओं में युक्तिसंगत बनाने की मंजूरी दी है।
तेल-तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी : सरकार ने भारत को खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10,103 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ खाद्य तेल-तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी दी है। भारत अपनी खाद्य तेल की वार्षिक जरूरत का 50 प्रतिशत से अधिक आयात करता है।
सरकार ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि अगले सात वर्षों में तिलहन उत्पादन मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से मंत्रिमंडल ने वर्ष 2024-25 से वर्ष 2030-31 के लिए 10,103 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (एनएमईओ-तिलहन) को मंजूरी दी है।
सरकार ने कहा कि मिशन का लक्ष्य वर्ष 2022-23 के प्राथमिक तिलहन उत्पादन को 3.9 करोड़ टन से बढ़ाकर वर्ष 2030-31 तक 6.97 करोड़ टन करना है। इसमें कहा गया है, इसका उद्देश्य तिलहन की खेती को अतिरिक्त 40 लाख हेक्टेयर में बढ़ाना है।
भारत, इंडोनेशिया और मलेशिया से पामतेल तथा ब्राजील और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल का आयात करता है। यहां सूरजमुखी को मुख्य रूप से रूस और यूक्रेन से आयात किया जाता है।