Cheating with the elderly : हर इंसान चाहता है कि उसकी उम्र ढलान पर न पहुंचे, हमेशा स्मार्ट और युवा बने रहें। इसी अभिलाषा को लिए सैकड़ों बुजुर्ग और युवा नौजवान बनने की इच्छा के चलते ठगी का शिकार हो गए। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक दंपति द्वारा 60 साल के आसपास के लोगों को झांसा दिया गया कि वह इसराइल की मशीन द्वारा अपनी ऑक्सीजन थेरेपी करवाकर उम्र से 25 साल कम दिखाई देंगे।
जिसके चलते सैकड़ों लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया। जवान बनने की चाह के चलते बड़ी संख्या में 45-65 साल के बुजुर्गों से 35 करोड़ रुपए की ठगी हो गई। पोल खुलने पर इसराइल थेरेपी के नाम पर चूना लगाने वाले पति-पत्नी फरार हो गए। ठगी के शिकार लोगों ने अब पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।
कानपुर जिले के साकेत में राजीव कुमार और रश्मि दुबे किराए के मकान में रहते थे। इस पति-पत्नी ने 'रिवाइवल वर्ड' नाम से एक संस्था बना रखी है, संस्था के बैनर पर ही इन्होंने लोगों को इसराइल की ऑक्सीजन थेरेपी से जवान दिखने की चाहत को हवा दी। प्रौढ़ और बुजुर्ग झांसे में आ गए और अपनी उम्र कम करने के लिए ठगों से संपर्क किया।
ठग दंपति से स्वरूप नगर की रहने वाली रेनू सिंह चंदेल की बातचीत हुई और वह प्रभावित हो गईं। जिसके चलते रेनू ने एक यूनिट तैयार करके जवान दिखने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया। देखते ही देखते सैकड़ों लोग नौजवान बनने के लिए लाइन में लग गए।
अपनी उम्र से कम का दिखाई देने के लिए लोग इनकी थेरेपी लेने लगे। बाकायदा जालसाज दंपति राजीव और रश्मि ने एक मशीन असेंबली करवाई और बुजुर्गों की थेरेपी शुरू की। इस थेरेपी का खर्च 90000 रुपए बताया गया। ठग ने लोगों को आश्वासन दिया कि वह शुरुआत में 6000 रुपए देकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। जिसके चलते कुछ लोगों ने 6000 रुपए जमा किए तो किसी ने एक मुश्त 90000 जमा करवा दिए।
जवान बनने की इच्छा रखने वालों ने ऑक्सीजन थेरेपी को जब गूगल और यूट्यूब पर देखा तो पाया कि विदेश और अपने देश में इसका खर्चा 15 से 20 लाख रुपए है तो वह 90 हजार में उपचार के लिए तुरंत तैयार हो गए। कुछ लोगों की दिखावटी ऑक्सीजन थेरेपी शुरू हुई, लेकिन वह 60 से से 59 वर्ष का नहीं बन सका।
जब ठग दंपति की कलई खुल गई तो लोगों ने अपने पैसे वापस मांगने शुरू किए। बाद में आरोपी ठग रातोंरात फ्लैट में ताला लगाकर फरार हो गए। पीड़ित लोगों की शिकायत पर पुलिस ने किदवई नगर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पीड़ित रेनू सिंह ठग दंपति के झांसे में आ गईं और उन्होंने अपनी एक यूनिट तैयार करते हुए रिश्ते-नातेदारों का पैसा रिवाइवल वर्ड संस्था में लगवा दिया। शिकायतकर्ता रेनू सिंह का कहना है कि आरोपियों ने स्कीम से लोगों को जोड़ने पर रिवॉर्ड और 50 आईडी एकसाथ देने पर आकर्षक गिफ्ट हैंपर देने का आश्वासन दिया था, जिसके चलते उन्होंने 150 आईडी के लिए 9 लाख रुपए और व्यापार को बढ़ाने के लिए 3.50 लाख रुपए निवेश करवाया।
पीड़िता का कहना है कि आरोपी ने यह भी कहा था कि यदि आप खुद ट्रीटमेंट नहीं लेते हैं, तो अपनी आईडी किसी अन्य को बेच सकते हैं, मन में विचार आया कि 6000 जमा करके 50000 हजार में आईडी बेच देंगे। कहते हैं, लालच बुरी बला है, यही रेनू सिंह और उनके साथियों के साथ हुआ। लालच के चलते सबके पैसे डूब गए।
शिकायतकर्ता के मुताबिक, ठग पति-पत्नी ने हाईपर बैरोक ऑक्सीजन थेरेपी का नकली प्लांट तैयार करवाया, इसमें एकसाथ काफी लोगों को बैठाकर शुद्ध ऑक्सीजन थेरेपी की व्यवस्था थी। आरोपियों ने कहा था कि तीन माह में उम्र घट जाएगी। बाकायदा इसके लिए उन्होंने 65 वर्ष से अधिक आयु के 35 लोगों को प्रेसराइज चेंबर में बैठाकर शुद्ध ऑक्सीजन दी, लेकिन ऑक्सीजन लेने वाला कोई बुजुर्ग जवान नहीं बन सका है। पीड़ितों का कहना है कि ठग फिलहाल कानपुर में ही छुपे हैं और विदेश भागने की फिराक में हैं।