नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यूक्रेन से भारत लौटे मेडिकल छात्र-छात्राओं के बारे में अपनी राय स्पष्ट की है। केंद्र ने कहा है कि सरकार भारत लौटे मेडिकल छात्र-छात्राओं की सहायता के लिए सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर काम कर रही है।
बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के दौरान कई भारतीय मेडिकल छात्रों को भारत लौटना पड़ा था। ऐसे में उनके मेडिकल भविष्य को लेकर सवाल खड़ा हो गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को केंद्र को सलाह दी थी कि केंद्र एक वेब पोर्टल तैयार करके और उस पर उन विदेशी विश्चविद्यालयों का ब्योरा देकर यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्र-छात्राओं की सहायता करे, जहां वे अपने पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हों।
केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ को अवगत कराया कि केंद्र ने इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिवों को पत्र लिखे हैं। वकील ने पीठ से कहा, अंतिम आदेश के संदर्भ में हमने विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिवों को पत्र लिखे हैं। हमें जो निर्देश हैं, उसके तहत इस मामले में विचार जारी है।
वकील ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने वेबसाइट बनाने के संकेत दिए थे, जहां संबंधित सूचना उपलब्ध कराई जा सके, ताकि स्पष्टता रहे। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर कर दी। जब वकीलों में से एक ने कहा कि अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षा की अनुमति दी जा सकती है, इस पर पीठ ने कहा, हम अभी कुछ नहीं कह रहे। हम विस्तृत आदेश सुनाएंगे।
कुछ छात्रों की ओर से पेश हो रहे एक वकील ने सुनवाई की शुरुआत में कहा कि कई राज्यों ने इस मसले पर केंद्र को पत्र लिखे हैं। उन्होंने दलील दी कि करीब 1300 मेडिकल छात्र-छात्राएं प्रभावित हैं। वकील ने कहा कि केंद्र सरकार और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) को इन राज्यों से बातचीत करनी चाहिए। (भाषा)