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ब्रिक्स सम्मेलन में तलाशेंगे सहयोग की नई संभावनाएं : मोदी

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2016 (17:27 IST)
नई दिल्ली। गोवा में होने जा रहे ब्रिक्स तथा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन से बड़ी उम्मीद लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि इस सम्मेलन में जहां जटिल मुद्दों का मिलकर समाधान ढूंढा जाएगा वहीं परस्पर सहयोग की नई संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। 
ब्रिक्स और बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में शिरकत करने पहुंच रहे नेताओं का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि इसमें सहयोग की नई संभावनाएं तलाशने के साथ ही विवादित मुद्दों का सर्वसम्मत समाधान ढूंढने की कोशिश की जाएगी। मैं इस बात को लेकर आशान्वित हूं कि ब्रिक्स सम्मेलन समूह के देशों के बीच सहयोग को मजबूत बनाने के साथ ही विकास, शांति, स्थायित्व और सुधारों के हमारे साझा एजेंडे को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगा। मुझे इस बात की भी खुशी है कि भारत ब्रिक्स के साथ ही बिम्सटेक सम्मेलन का भी आयोजन कर रहा है जिसमें बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के नेता शामिल हो रहे हैं। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स देश दुनिया की दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में यह सम्मेलन परस्पर सहयोग की संभावनाएं तलाशने का एक बड़ा अवसर होगा।
 
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के संबंध में मोदी ने कहा कि उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच समय की कसौटी पर हमेशा खरी उतरी मित्रता और साझीदारी को और मजबूत करने का अवसर मिलेगा।
 
बैठक शुरू होने पर कांग्रेस सदस्य अंबिका सोनी और मधुसूदन मिस्त्री ने अंतिम समय पर बैठक का एजेंडा बदले जाने का मुद्दा उठाया। मिस्त्री ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए एक पत्र भी लिखा था। 
 
सूत्रों के अनुसार समिति के अध्यक्ष बीसी खंडूरी ने पत्र लिखे जाने की बात मानते हुए कहा कि एजेंडा बदले जाने के मामले में उनके कार्यालय के स्तर पर कुछ संवादहीनता हो सकती है, साथ ही उन्होंने इस पर चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि जो पत्र उन्होंने लिखा था वह समिति के पास आने से पहले मीडिया के पास पहुंच गया। 
 
खंडूरी द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के बाद सेना उप प्रमुख ने अपनी ब्रीफिंग शुरू की, जो लगभग 20 से 25 मिनट तक चली। सूत्रों ने कहा कि ब्रीफिंग मौखिक तौर पर की गई और इस दौरान कोई कम्प्यूटर या वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं पेश की गई। इसके बाद सदस्यों ने सेना अधिकारी से कोई सवाल नहीं पूछा। (वार्ता)

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