Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कारगिल युद्ध में मिराज के लिए महज 12 दिन में तैयार की गई थी लेजर गाइडेड बम प्रणाली

हमें फॉलो करें कारगिल युद्ध में मिराज के लिए महज 12 दिन में तैयार की गई थी लेजर गाइडेड बम प्रणाली
, सोमवार, 24 जून 2019 (20:48 IST)
ग्वालियर (मध्यप्रदेश)। वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने सोमवार को कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान टारगेटिंग पॉड्स के एकीकरण और मिराज 2000 विमानों के लिए लेजर निर्देशित बम प्रणाली तैयार करने का काम रिकॉर्ड 12 दिन में पूरा किया गया था।
 
कारगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने के अवसर पर ग्वालियर वायुसैनिक अड्डे पर आयोजित एक कार्यक्रम में धनोआ ने ये बातें कही। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि मिराज 2000 में बदलाव की प्रक्रिया जारी थी जिसे शीघ्र पूरा कर लिया गया और इस प्रणाली का कारगिल युद्ध में इस्तेमाल किया गया।
 
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि लाइटनिंग टारगेटिंग पॉड और लेजर गाइडेड बम प्रणाली को रिकॉर्ड 12 दिन के भीतर पूरा कर लिया गया। मिराज 2000 जेट विमानों और थलसेना को वायुसेना के सहयोग ने 1999 के युद्ध का रुख ही पलट दिया।
 
धनोआ ने बालाकोट पर कहा कि पाकिस्तान हमारे हवाई क्षेत्र में दाखिल नहीं हो पाया, हमने उसके आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया जबकि वह हमारे सैन्य अड्डों को निशाना बनाने में नाकाम रहा।
 
अरुणाचल प्रदेश में वायुसेना के एएन-32 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की हालिया घटना को लेकर पूछे गए सवाल पर धनोआ ने कहा कि एएन-32 विमान पहाड़ी इलाकों में उड़ान भरना जारी रखेगा, क्योंकि हमारे पास इस विमान का कोई विकल्प नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि हम लोग अधिक उन्नत विमान हासिल करने की प्रक्रिया में हैं जिनके मिलते ही एएन-32 को हटाकर उन्नत विमानों को महत्वपूर्ण भूमिका में लगाया जाएगा। एएन-32 विमानों का इस्तेमाल इसके बाद परिवहन और प्रशिक्षण उद्देश्य से किया जाएगा।
 
अरुणाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में स्थित घने जंगलों में इस महीने एक एएन-32 विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार सभी 13 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ICC Cricket World Cup : बांग्लादेश - अफगानिस्तान मैच का ताजा हाल