नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रातभर चले घटनाक्रम में भले ही भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया हो लेकिन कर्नाटक पर उसकी नजरें लगी हुई है। इस बीच येदियुरप्पा की सांसें भी रातभर ऊपर-नीचे होती रही। सुबह पांच बजे अदालत के फैसले से उन्हें राहत मिली। जानिए, इस महत्वपूर्ण मामले में क्या बोला उच्चतम न्यायालय...
- येद्दियुरप्पा को मुख्यमंत्री के तौर शपथ लेने के लिए राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा दिए गए पत्र को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए देर रात न्यायमूर्ति एके सीकरी, एसके बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ को विशेष तौर पर बुलाया गया।
- पीठ ने रेखांकित किया कि येदियुरप्पा द्वारा 15 और 16 मई को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल को दिए गए पत्रों का अवलोकन करना जरूरी है।
- पीठ ने केंद्र और येदियुरप्पा की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से अगली सुनवाई के समय ये पत्र पेश करने को कहा। अगली सुनवाई कल सुबह साढ़े दस बजे होगी।
- सर्वोच्च अदालत ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया उसके समक्ष लंबित मामले के अंतिम फैसले के दायरे में आएगी।
- पीठ ने कर्नाटक सरकार और येदियुरप्पा को नोटिस भी जारी किया। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह भाजपा के तीन विधायकों गोविंद एम करजोल, सीएम उदासी और बासवाराज बोम्मई की ओर से पेश हुए हैं।