जम्मू। कश्मीर में 14 सालों के बाद बीएसएफ की तैनाती सुरक्षा के लिए की गई है। बीएसएफ की करीब 35 कंपनियों को तत्काल श्रीनगर में मोर्चा संभालने के निर्देश दिए गए हैं। ये कंपनियां उन्हीं 100 कंपनियों का हिस्सा हैं जिन्हें कल रात कश्मीर की ओर कूच करने का ऑर्डर मिला था।
यह तैनाती ऐसे असमंजस भरे माहौल हो रही है जबकि कश्मीर में अफवाहों का बाजार गर्म है और अफवाहें कहती हैं कि कुछ बड़ा होने वाला है।
इन अफवाहों को तड़का बीसियों अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारियां भी लगाती थीं। यही नहीं, राज्य सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों व अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर इस माहौल को और असमंजस भरा बना दिया है। पुलिस सफाई दे रही है कि ये सभी कवायदें लोकसभा चुनावों के लिए हैं। हालांकि एक खबर यह भी है कि राज्य में कश्मीर की 3 संसदीय सीटों पर चुनाव टालने की तैयारी है।
कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजी जा रही हैं। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात को इन कंपनियों की तत्काल रवानगी का आदेश दिया। इस आदेश में इस बात का जिक्र नहीं है कि इतनी अधिक फोर्स की तैनाती क्यों की जा रही है, लेकिन कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए पर 26 से 28 फरवरी के बीच सुनवाई है। इसमें कोई फैसला आ सकता है। इसके मद्देनजर ही सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है।
गृह मंत्रालय की ओर से राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव तथा डीजीपी को फैक्स संदेश भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त पैरा मिलिट्री फोर्स को तैनात किए जाना है। इसके लिए 100 कंपनियां (सीआरपीएफ-45, बीएसएफ-35, एसएसबी-10 व आईटीबीपी की 10 कंपनियां) मुहैया कराई जाएं।
जानकारी के लिए जम्मू कश्मीर में बढ़ते विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए जमात-ए-इस्लामी के कई दर्जन नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें संगठन के प्रमुख अब्दुल हमीद फैयाज भी शामिल हैं। इस दौरान 2 दर्जन से ज्यादा पत्थरबाज भी सुरक्षाबलों की गिरफ्त में आए हैं। घाटी में विरोध-प्रदर्शन और पथराव की कई घटनाएं हुई हैं। घाटी में कई जगह बाजार बंद होने की भी खबरें हैं।
अधिकारियों का दावा है कि यह सब लोकसभा चुनावों के लिए है। तभी तो संसदीय चुनाव की तैयारियों के चलते राज्य सरकार ने 25 फरवरी के प्रभाव से राजपत्रित अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। इस समय छुट्टी पर गए सरकारी अधिकारियों को भी जल्द लौटने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। संसदीय चुनाव अप्रैल-मई में संभव हैं। ऐसे में राज्य में इस समय चुनाव को लेकर प्रशासनिक तैयारियां शुरू हो गई हैं। (file photo)