कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने मंगलवार को पद्म भूषण सम्मान को अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने एक बयान में कहा कि मैं पद्मभूषण सम्मान के बारे में कुछ नहीं जानता। मुझे किसी ने इसके बारे में नहीं बताया। अगर मुझे पद्मभूषण सम्मान दिया गया है तो मैं इसे अस्वीकार कर रहा हूं। माकपा सूत्रों के अनुसार यह भट्टाचार्य के साथ ही पार्टी का भी फैसला है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुत्व के पोस्टर बॉय दिवंगत कल्याण सिंह और हाल ही में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुए भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को मंगलवार को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई, वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद और माकपा नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म भूषण से सम्मानित करने की घोषणा की गई।
घोषणा से पहले उनकी पत्नी को दी गई थी सूचना : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अस्वस्थ चल रहे बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म भूषण देने के सरकार के फैसले के बारे में उनके नाम की घोषणा से पहले उनकी पत्नी को सूचित किया था और उनके परिवार से किसी ने भी इस पर आपत्ति नहीं जताई। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार रात को दी।
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के वरिष्ठ नेता द्वारा यह घोषणा किए जाने के बाद कि उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उन्हें देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने के फैसले को खारिज कर दिया है, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार सुबह भट्टाचार्य के घर पर फोन किया था।
सूत्रों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी ने फोन उठाया क्योंकि माकपा नेता अस्वस्थ हैं और उन्हें इस साल पद्म पुरस्कार विजेताओं में से एक के रूप में चुने जाने के केंद्र सरकार के फैसले से अवगत कराया गया था। भट्टाचार्य की पत्नी ने शीर्ष अधिकारी से कहा कि वह उन्हें इस बारे में सूचित करेंगी। भट्टाचार्य के परिवार से किसी ने भी पद्म पुरस्कार स्वीकार करने की अनिच्छा के बारे में गृह मंत्रालय को सूचित नहीं किया।
सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा करने से पहले हमेशा संभावितों को पद्म पुरस्कार देने के फैसले के बारे में बताता है। सूत्रों ने कहा कि अगर कोई आपत्ति जताता है तो उनका नाम घोषित नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि चूंकि भट्टाचार्य के परिवार से किसी ने भी दिन भर गृह मंत्रालय से सम्पर्क नहीं किया, इसलिए देर शाम उनके नाम की घोषणा पद्म पुरस्कार विजेताओं में से एक के रूप में की गई।