चेन्नई। चेन्नई में रविवार को ‘कोलम’ (रंगोली) बनाकर सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे 8 लोगों को थोड़ी देर के लिए हिरासत में लिए जाने के बाद छोड़ दिया गया, जिनमें 5 महिलाएं भी शामिल थीं। पुलिस ने यह जानकारी दी।
विपक्षी द्रमुक ने पुलिस की इस कार्रवाई पर अन्नाद्रमुक सरकार पर निशाना साधा और कहा कि हिरासत में लिए गए लोग सिर्फ प्रदर्शन के अपने अधिकार के तहत ऐसा कर रहे थे।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन सभी को बिना अनुमति प्रदर्शन करने और अन्य लोगों के लिए असुविधा उत्पन्न करने के आरोप में हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
तमिलनाडु के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक दलों और नागरिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं का संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। रविवार को दक्षिण चेन्नई के बसंत नगर इलाके में आठ लोगों के समूह ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
उन्होंने ‘कोलम’ बनाकर सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) के प्रति विरोध जताया तथा ‘‘नो टू एनसीआर’’, ‘‘नो टू एनपीआर’’ एवं ‘‘नो टू एनआरसी’’ के नारे लगाए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। अधिकारी ने कहा कि हमने उन्हें चेतावनी देकर बाद में छोड़ दिया।’ हिरासत में लिए गए लोगों ने आरोप लगाया कि उनके साथ बदसलूकी की गई। द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन और लोकसभा सदस्य कनिमोई ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की।
स्टालिन ने ट्वीट कर अन्नाद्रमुक सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पुलिस लोगों को असमहति जताने के ‘संविधान के तहत दिए गए मूलभूत अधिकारों की भी इजाजत नहीं दे रही है।’ कनिमोई ने भी सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की। (भाषा)