नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया की रिपोर्टिंग प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसने परिसंपत्तियों के अवमूल्यन के लिए तथा अन्य मदों में प्रावधान न कर पिछले लगातार 4 वित्त वर्ष में कम नुकसान या मुनाफा दिखाया है।
एयर इंडिया लिमिटेड की जीर्णोद्धार योजना तथा वित्तीय पुनर्गठन योजना पर शुक्रवार को संसद में अपनी रिपोर्ट पेश करने के बाद कैग के महानिदेशक वी. कुरियन ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि वित्त वर्ष 2012-13 में अपना परिचालन घाटा 1,455.8 करोड़ रुपए, 2013-14 में 2,966.66 करोड़ रुपए तथा 2013-14 में 1,992.77 करोड़ रुपए कम करके दिखाया। उन्होंने कहा कि एयरलाइंस की वित्तीय रिपोर्टिंग में सबसे ज्यादा ज्यादा विसंगति प्रावधानों के मद में ही पाई गई।
कुरियन ने एक सवाल के जवाब में इस रिपोर्ट से इतर जानकारी देते हुए कहा कि एकल आधार पर एयर इंडिया ने वित्त वर्ष 2015-16 में भी करीब 105 करोड़ रुपए का परिचालन लाभ दिखाया है जबकि वैधानिक ऑडिटरों ने तथा कैग ने पाया कि वास्तव में उसे 321.4 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
उन्होंने कहा कि एयरलाइंस को 2015-16 में करीब 275 करोड़ रुपए का प्रावधान परिसंपत्ति अवमूल्यन तथा सेवा कर के मद में करना चाहिए था, जो उसने नहीं किया। (वार्ता)