MEA On Canada : जस्टिन ट्रूडो (justin trudeaus) के भारत पर आरोपों के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत ने कनाडा को आतंकियों की पनाहगाह बताया है। अब भारत ने ट्रूडो पर सवालों की बौछार की है। भारत ने कहा है कि जस्टिन ट्रूडो के आरोपों में कुछ हद तक पूर्वाग्रह है। इस पूरे मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फेंस की है। जानिए 10 बड़ी बातें-
1. जून में निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद जारी हैं। अलगाववादी नेता की हत्या में भारतीय एजेंटों की 'संभावित' संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद विवाद शुरू हो गया।
2. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कनाडा के आरोपों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हां ये आरोप कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने उठाए थे और प्रधानमंत्री मोदी ने इन्हें खारिज कर दिया था।
3. भारत ने कहा कनाडा में एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या को लेकर उसके खिलाफ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों में कुछ हद तक पूर्वाग्रह है और इसे 'राजनीति से प्रेरित' करार दिया।
4. विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा ने हरदीप सिंह निज्जर मामले पर भारत के साथ कोई खास जानकारी नहीं शेयर की।
5. कनाडा के साथ राजनयिक विवाद पर क्या नई दिल्ली ने अपने प्रमुख सहयोगियों को अपने दृष्टिकोण से अवगत करा दिया है, तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने अपना रुख बता दिया है।
6. कनाडा में भारतीय उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास सुरक्षा मुद्दों के कारण काम में व्यवधान के चलते वीजा आवेदनों पर कार्रवाई करने में अस्थायी रूप से असमर्थ हैं।
7. कनाडा में रहने वाले भारतीय छात्रों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने सावधानी बरतने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। हमारा वाणिज्य दूतावास वहां काम कर रहा है। हमने कहा है कि अगर उन्हें कोई समस्या आती है, तो वे हमारे वाणिज्य दूतावास से संपर्क करें...हमारी वीजा पॉलिसी से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि वे भारत के नागरिक हैं।
8. बागची ने कहा कि कनाडा में सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जा रहा है, हम चाहते हैं कि कनाडा सरकार ऐसा न करे और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जिन पर आतंकवाद के आरोप हैं या उन्हें यहां भेजें... हमने पिछले कुछ वर्षों में 20-25 से अधिक लोगों के प्रत्यर्पण या कार्रवाई के लिए कनाडा सरकार से अनुरोध किया है। लेकिन किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली।"
9. बागची ने कहा कि हम अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेते हैं। हम निश्चित रूप से भारत में विदेशी राजनयिकों को सभी तरह की सुरक्षा प्रदान करेंगे। हम कनाडा से भी उम्मीद करते हैं कि वे कनाडा में हमारे राजनयिकों के प्रति इसी तरह की संवेदनशीलता दिखाएंगे।
10. बागची ने कहा कि मुद्दा हिंसा भड़काना, कनाडाई अधिकारियों की निष्क्रियता, ऐसे माहौल का निर्माण है जो हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों के कामकाज को बाधित करता है। इसकी वजह से हमें वीजा जारी करने या वीजा सेवाएं प्रदान करने पर अस्थायी रूप से रोकन लगानी पड़ रही है।
Edited by : Sudhir Sharma