नई दिल्ली। कुछ राज्यों में कैश क्राइसिस (नकदी संकट) के बीच अटकलें हैं कि जल्द ही यह संकट अन्य राज्यों तक भी पहुंच जाएगा और एक बार फिर एटीएम और बैंकों में लाइनें देखने को मिल सकती हैं।
जैसे-जैसे यह खबर फैल रही है, लोग नकदी संकट बढ़ने की आशंका के चलते एटीएम की ओर दौड़ लगाना शुरू कर देंगे और सामान्य सा यह संकट बड़ा होते देर नहीं लगेगी। दरअसल, आशंका के चलते लोग जरूरत नहीं होने पर भी एटीएम से नकदी निकाल घर में रख लेंगे। क्योंकि यह मानसिकता है कि यदि उन्हें कल रुपए नहीं मिले तो क्या होगा?
हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि जल्द ही यह संकट समाप्त हो जाएगा। कुछ राज्यों में नकदी जरूरत से ज्यादा है तो कुछ में कम। अत: इस स्थिति को जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। कहा तो यह भी जा रहा है कि बैंकों में नकदी नहीं है और एटीएम खाली पड़े हैं।
बैंकिंग सचिव राजीव कुमार के मुताबिक आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और उत्तरी बिहार में मुख्य रूप से दिक्कत थी, लेकिन अब यह संकट गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों तक फैल गया है। कुमार के मुताबिक हम 500 रूपये के नोट की सप्लाई बढ़ाने जा रहे हैं।
आरबीआई और सरकार का तर्क है कि कैश की कमी के पीछे डिमांड बढ़ना है। बैंकों के माध्यम से राज्य सरकार आरबीआई को कैश की डिमांड भेजती है और वर्तमान स्थिति में डिमांड के अनुरूप कैश नहीं मिला।
बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति बिहार में है। बिहार में एटीएम तो दूर की बात है, बैंकों में ही पैसे नहीं हैं। इस संकट को बढ़ाने से बचाना है तो लोगों को चाहिए कि वे अनावश्यक नकदी न निकालें। जितनी जरूरत हो उतना ही राशि निकालें।