नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने भारतीय रिजर्व बैंक से एटीएम से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने को कहा है। समिति ने कहा है कि एटीएम बंद होने से कई बार ग्राहकों के पास नकद धन का संकट खड़ा हो जाता है, ऐसे में केंद्रीय बैंक को इस दिशा में उचित कदम उठाने चाहिए।
वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने बैंकों से पर्याप्त मात्रा में एटीएम लगाने को भी कहा है। समिति की रिपोर्ट पिछले सप्ताह संसद में पेश की गई।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार सितंबर, 2018 के अंत तक देश के आटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) की संख्या 2,21,492 थी। इनमें से 1,43,844 एटीएम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के, 59,645 निजी क्षेत्र के बैंकों तथा 18,003 एटीएम विदेशी बैंकों, भुगतान बैंकों, लघु वित्त बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल लेनदेन अभी तक सार्वभौमिक नहीं हुआ है, ऐसे में समिति चाहती है कि रिजर्व बैंक एटीएम के ठप होने, बैंकों के एटीएम में कमी की समस्या को दूर करने के लिए तेजी से काम करे। साथ ही सभी अंशधारकों के लिए एटीएम की आर्थिक व्यवहार्यता को भी सुनिश्चित किया जाए, जिससे जनता के समक्ष नकदी का संकट पैदा नहीं हो।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली की अगुवाई वाली समिति ने कहा है कि रिजर्व बैंक द्वारा प्रणाली में नकदी डालने के अभियान के बावजूद ग्रामीण-अर्द्धशहरी क्षेत्रों में एटीएम में नकदी की आपूर्ति की समस्या हल नहीं हई है। इस वजह से कई एटीएम बंद हो गए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि सचिवालय प्रशासन विभाग के उप सचिव ने गत 28 दिसम्बर को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया गया। मामले की जांच के लिए उसी दिन लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया था। (भाषा)