नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार के लिए एक और मुसीबत पैदा करने वाली खबर आई है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली सरकार द्वारा 1000 लो-फ्लोर बसों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर प्रारंभिक जांच दर्ज की है। अधिकारियों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय के संदर्भ पर जांच दर्ज की गई है।
दिल्ली सरकार ने बस खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों का खंडन किया था और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर सीबीआई का इस्तेमाल करके उसे परेशान करने का आरोप लगाया है।
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा बसों की खरीद के वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) में भ्रष्टाचार का मामला इस साल मार्च में दिल्ली विधानसभा में भाजपा द्वारा उठाया गया था।
जून में पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा गठित 3 सदस्यीय समिति ने एएमसी में प्रक्रियागत खामियां पाई थीं और इसे खत्म करने की सिफारिश की थी।
अधिकारियों ने कहा कि उपराज्यपाल ने मामले को विचार के लिए गृह मंत्रालय के पास भेजा था। उन्होंने कहा कि शिकायत में आरोपों का पता लगाने के लिए प्रारंभिक जांच पहला कदम है कि क्या वे प्रथमदृष्टया प्राथमिकी के योग्य अपराध का संकेत देते हैं।
आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं लोग : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दावा किया कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के विरुद्ध सीबीआई की कार्रवाई के कारण लोगों में गुस्सा है इसलिए वे अधिक संख्या में आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों से लड़ाई कर रही है और जब उसे बेरोजगारी तथा महंगाई के मुद्दों को सुलझाना चाहिए, तब वह हर सुबह 'सीबीआई-ईडी' का खेल शुरू कर देती है। केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि मनीषजी पर छापेमारी को लेकर देश भर में लोगों में बहुत रोष है। बड़ी संख्या में लोग आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं।
एक अन्य ट्वीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब आम आदमी महंगाई से जूझ रहा है और देश के करोड़ों युवा बेरोजगार हैं, तब केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ मिलकर बेरोजगारी और महंगाई से लड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब आम इंसान महंगाई से जूझ रहा है, करोड़ों की संख्या में युवा बेरोजगार हैं, केंद्र सरकार को सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर बेरोजगारी और महंगाई से लड़ना चाहिए। इसकी बजाय ये पूरे देश से लड़ रहे हैं। रोज सुबह उठकर सीबीआई-ईडी का खेल शुरू कर देते हैं। ऐसे में देश कैसे तरक्की करेगा?
सिसोदिया के विरुद्ध केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की कार्रवाई पर जनता की भावनाओं को लेकर केजरीवाल के दावे से पहले उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि एजेंसी ने उनके विरुद्ध एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया है।
सिसोदिया ने ट्वीट किया कि आपकी सारी छापेमारी विफल हो गयी, कुछ नहीं मिला, एक पैसे की हेराफेरी नहीं मिली, अब आपने लुक आउट नोटिस जारी किया है कि मनीष सिसोदिया मिल नहीं रहा। ये क्या नौटंकी है मोदी जी? मैं खुलेआम दिल्ली में घूम रहा हूँ, बताइए कहाँ आना है? आपको मैं मिल नहीं रहा?
देश चाहता है केजरीवाल बनें प्रधानमंत्री : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं को लेकर अपने आवास पर सीबीआई की छापेमारी के दो दिन बाद रविवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल के अगला प्रधानमंत्री बनने की बात किसी व्यक्ति की महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि पूरा देश ऐसा चाहता है। पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि एक मौका केजरीवाल को" देने की बात अब राष्ट्रीय स्तर की बात बन गई है।
उन्होंने कहा, "लोग 2024 में केजरीवाल को मोदी के विकल्प के रूप में देखते हैं, क्योंकि वह स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के बारे में बात करते हैं। सिसोदिया आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज किए गए मामले के आरोपियों में से एक हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा कि भाजपा, सीबीआई, उपराज्यपाल और दिल्ली के मुख्य सचिव, सभी का एकमात्र उद्देश्य केजरीवाल को रोकने का है, अन्यथा 2024 (लोकसभा चुनाव) उनके (भाजपा) हाथ से निकल जाएगा। सीबीआई ने शुक्रवार को आबकारी नीति की जांच के सिलसिले में सिसोदिया के घर समेत 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
गुजरात में जांच करे सीबीआई : सिसोदिया ने कहा कि वह जांच के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सीबीआई को गुजरात में हर साल होने वाली 10,000 करोड़ रुपये के उत्पाद शुल्क राजस्व की चोरी की भी जांच करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "राज्य में शराबबंदी है और लोग नकली शराब पीकर मर रहे हैं। इसकी भी जांच होनी चाहिए। सिसोदिया ने यह भी कहा कि इस बात की जांच भी होनी चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के पांच दिन बाद ही उसमें दरार कैसे आ गई।
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा नीत केंद्र की आबकारी नीति में घोटाले की जांच में दिलचस्पी है, तो उसे जांच करनी चाहिए कि इसके लागू होने से दो दिन पहले पूर्व उपराज्यपाल के रुख को बदलने की साजिश के पीछे कौन था? (इनपुट भाषा)